राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे में अगर राजनीतिक ईमानदारी है, तो उन्हें पानी को लेकर खाली झालावाड़ की बात ही नहीं, बल्कि पूरी पीकेसी-ईआरसीपी योजना की बात करनी चाहिए, तब हम समझेंगे कि राजस्थान के हितों की बात हो रही है।
गहलोत ने समाजसेवी महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती पर शुक्रवार को जयपुर में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद मीडिया से बातचीत में राजे के पेयजल को लेकर दिए बयान के सवाल पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजे दो बार मुख्यमंत्री रही हैं और उन्होंने पूरा अध्ययन किया है। जहां तक मैं समझता हूं ईआरसीपी का पीकेसी-ईआरसीपी नया नाम दिया गया है, यह ठीक नहीं है। वो खुद ही कह रहे हैं, नौ साल तक तो कुछ नहीं होने वाला है, तो जनता को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं। वसुंधरा राजे को मालूम है कि पीकेसी और ईआरसीपी का जो नया एग्रीमेंट हुआ है, उसमें कुछ दम नहीं है।
पूरी योजना की करें बात : गहलोत
उन्होंने कहा कि मेरी शिकायत वसुंधरा राजे से है कि जो दो बार मुख्यमंत्री रही हैं, वो खाली झालावाड़ की बात कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे को चाहिए, अगर उनमें राजनीतिक ईमानदारी है तो उनको प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर पीकेसी और ईआरसीपी की पूरी बात बतानी चाहिए। वे जब मुख्यमंत्री थीं तब ईआरसीपी बनी थी, हमारी सरकार आई तो हमने कोई छेड़छाड़ नहीं की। उनके प्रस्ताव को आगे बढ़ाया, अगर उनमें राजनीतिक ईमानदारी है तो उन्हें चाहिए खाली झालावाड़ की बात नहीं करें, पूरी योजना की बात करें, तब हम समझेंगे कि वो राजस्थान के हितों की बात कर रही हैं।
यह वीडियो भी देखें गहलोत ने आतंकवादी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के सवाल पर कहा कि पूरा देश खुश है। इस आदमी ने पूरे देश में इतना बड़ा क्राइम किया है। कितने लोगों की हत्याएं हो गई थीं, कोई भूल सकता है क्या। इसी ढंग से मैं चाहूंगा कि भगौड़े जितने भी हैं, चाहे वो आर्थिक भगौड़े हों, चाहे और कोई भगौड़े हों या ऐसे आतंकवादी हों, इन सबको भारत सरकार को टार्गेट बनाना चाहिए, अगर टार्गेट बनेगा तो यह राणा आया है, उसी ढंग से सब आ जाएंगे।