महाकुंभ का प्रसाद किया वितरित
मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि गोविंददेवजी, वेदमाता गायत्री और गुरू सत्ता का षोडशोपचार पूजन कर अग्नि प्रज्ज्वलन कर यज्ञ देवता को आहुतियां प्रदान की गई। गायत्री एवं महामृत्युंज महामंत्र के अलावा सूर्य, रूद्र, शिव, नवग्रह मंत्रों से भी आहुतियां प्रदान की गई। श्रद्धालुओं ने रोग मुक्ति की कामना के साथ सूर्य गायत्री मंत्र से आहुतियां प्रदान की। साथ ही कुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए लोगों की आत्मशांति के लिए यम गायत्री मंत्र से विशेष आहुतियां प्रदान की गई। इसके साथ ही जिन श्रद्धालुओं का आज जन्मदिन और विवाह की वर्षगांठ है उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए विशेष आहुतियां प्रदान की गई।यज्ञ के समापन पर श्रद्धालुओं को प्रयागराज महाकुंभ का प्रसाद वितरित किया गया। गोविंद धाम में सेवा देने वाले श्रद्धालुओं का सम्मान गया। इस मौके पर प्रेरणादायी पुस्तकों की स्टॉल भी लगाई गई। श्रद्धालुओं का प्रयागराज के कुंभ जल से अभिसिंचन किया गया। मंदिर प्रबंधन की ओर से अब तक तीन बार में करीब तीस हजार शीशी का वितरण किया जा चुका है।