पत्रिका बुक फेयर के पर्सनैलिटी डवलपमेंट सेशन में यह बात आइएएस डॉ. समित शर्मा ने कही। शर्मा ने कहा कि माता-पिता कुम्हार की तरह हैं। जैसे कुम्हार के हाथों में मिट्टी होती है वह उस मिट्टी को कोई भी रूप दे देता है, वैसे ही माता-पिता के हाथों में बच्चे का भविष्य होता है जिसका वे निर्माण कर सकते हैं। ऐसे में यह हमें तय करना है कि हमें बच्चों को क्या बनाना है।
असंतुष्ट व्यक्ति कभी खुश नही हो सकता
उन्होंने कहा कि असंतुष्ट व्यक्ति कभी खुश नहीं हो सकता। इसलिए आपके पास जो है उसी में खुश रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं जिसने विफलता नहीं देखी। विफलता लाइफ का हिस्सा है इसलिए तनाव को नहीं पाले।