राजस्थान विधानसभा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर की गई टिप्पणी व कांग्रेस विधायकों के निलंबन के बाद गतिरोध बना हुआ है। इसी बीच पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को सदन के बाहर स्पीकर को लेकर टिप्पणी कर दी थी। जिसके बाद कल स्पीकर वासुदेव देवनानी सदन में भावुक हो गए। स्पीकर के भावुक वक्तव्य के बाद सत्ता पक्ष ने डोटासरा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के संकेत दिए थे।
स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सदन में कहा था कि राजस्थान विधानसभा की लंबी और मर्यादापूर्ण परंपरा रही है। यहां कई बार गतिरोध हुआ है, विपक्ष ने धरने भी दिए हैं। लेकिन कल सदन के स्थगित होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह असहनीय है। ऐसे शब्द सुनने के लिए मैं विधानसभा में नहीं आया, डोटासरा विधायक बनने के योग्य नहीं, निर्णय सदन पर छोड़ता हूं। गोविंद सिंह डोटासरा के व्यवहार को लेकर देवनानी भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए।
‘ये लोग वीडियो जारी कर देते’- डोटासरा
वहीं, गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मामले को लेकर कहा कि हम तो स्पीकर के पास जाकर गुहार लगा रहे थे कि मंत्री ने जो बोला है उसे स्पंज करवाओ, हमने और क्या बोला। अगर इनके पास हमारे द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किये जाने का सबूत होता है तो ये लोग वीडियो जारी कर देते।
डोटासरा की स्पीकर पर टिप्पणी
गोविन्द सिंह डोटासरा ने स्पीकर की कुर्सी की तरफ हाथ करते हुए कहा था कि इसके बाप की जागीर है क्या सदन? इस बीच श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि आसन के लिए तो ऐसी भाषा तो मत बोलो। डोटासरा ने कहा कि ‘जो सम्मान के लायक हो, उससे सम्मान से बात की जाती है, जो सम्मान लायक नहीं, उससे जूते से बात की जाती है। सदन इसके बाप का नहीं है। इसके पैर पकड़े! इसके गुलाम हैं क्या हम?’