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जयपुर

Ramgarh Dam: स्कूली बच्चों समेत टीचरों ने किया श्रमदान, बोले- बांध इस मानसून में लबालब हो जाएगा

Ramgarh Dam: रामगढ़ बांध जयपुर की ऐतिहासिक धरोहर है। इसके जीर्णोद्धार के लिए सभी को श्रमदान कर आगे आना चाहिए। सेंट लॉरेंस स्कूल के विद्यार्थियों व स्टॉफ ने राजस्थान पत्रिका के ‘अमृतं जलम्’ अभियान में मिट्टी हटाई।

जयपुरJul 08, 2025 / 07:54 am

Arvind Rao

Ramgarh Dam

श्रमदान करते हुए लोग (फोटो- पत्रिका)

Ramgarh Dam: जमवारामगढ़ (जयपुर): रामगढ़ बांध राजधानी जयपुर की ऐतिहासिक धरोहर है। जीर्णोद्धार के साथ ही इसका स्वरूप निखारने के लिए सभी को आगे आना होगा। सभी लोगों के सामूहिक प्रयासों से यह बांध इस मानसून में लबालब हो जाएगा।

इस बांध का पुराने वैभव लौटाने के लिए किया गया श्रमदान भावी पीढ़ियां याद रखेंगी। हमें दूसरों को भी रामगढ़ बांध में श्रमदान करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। राजस्थान पत्रिका के अभियान ‘अमृतं जलम्’ के तहत सोमवार को रामगढ़ बांध जीर्णोद्धार कार्यक्रम में श्रमदान के दौरान सेंट लॉरेंस स्कूल, हीरावाला के निदेशक बाबू लाल यादव ने ये उद्गार व्यक्त किए। बांध पर स्कूल के विद्यार्थियों और स्कूल स्टॉफ ने भी कई घंटे तक श्रमदान कर मिट्टी हटाई।


‘बांधों को बचाना सामूहिक जिम्मेदारी’


बाबू लाल यादव ने कहा कि प्राचीन जल स्रोत कुएं, बावड़ी और बांधों को बचाना सामूहिक जिम्मेदारी है। रामगढ़ बांध से वर्षों तक जयपुर के लिए पेयजल आपूर्ति होती थी। नहरों से खेती भी होती थी। उस दौर में जमवारामगढ़ हर क्षेत्र में आगे था। बांध के सूखने के साथ ही यहां कृषि व पर्यटन सहित कई व्यापार चौपट हो गए।


‘जनसरोकार भविष्य का जिम्मेदार नागरिक बनाता है’


प्राचार्य ज्योति यादव ने विद्यार्थियों को बताया कि शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा विद्यालय की पर्यावरण संरक्षण में भी महती भूमिका होती है। श्रमदान और जनसरोकार के कार्यों से छात्रों को भविष्य का जिम्मेदार नागरिक बनाता है। रामगढ़ बांध जमवारामगढ़ के साथ ही जयपुर और प्रदेश की पहचान है।

स्कूल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय आनन्द यादव ने कहा कि रामगढ़ बांध को पुनर्जीवित करने के राजस्थान पत्रिका के अभियान में सभी को एकजुट होकर श्रमदान करना चाहिए। यह अभियान सामाजिक सरोकारों को आगे बढ़ाने वाली पत्रकारिता है।


रामगढ़ बांध का बताया इतिहास


विद्यार्थी भी श्रमदान के लिए उत्साहित दिखे। इसके बाद रामगढ़ बांध की पाल पर शिक्षकों ने छात्रों को बांध का गौरवशाली इतिहास बताया। शिक्षकों ने कहा कि वर्ष 1982 में एशियाई खेलों की नौकायन प्रतियोगिता रामगढ़ बांध पर ही हुई थी। तब यह बांध विश्व पटल पर छा गया था।

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