राजस्थान में 82KM लंबी इस सड़क की बदलेगी सूरत, रफ्तार से दौड़ेंगी गाड़ियां, लगेंगे इतने टोल प्लाजा
रोहट-आहोर-जालोर को नेशनल हाइवे क्रमोन्नत करने की डिमांड चल रही थी। अभी इस रोड के लिए नए सिरे से डीपीआर बनेगी, सकारात्मक प्रयास से ये रोड फोरलेन बन सकती है।
केंद्रीय बजट में तो राजस्थान के रोहट-जालोर रोड को नेशनल हाइवे में क्रमोन्नत करने की घोषणा नहीं की गई, बल्कि राज्य बजट में जिले वासियों के लिए परेशानी का सबब बने इस रोड को पीपीपी मोड पर नए सिरे से तैयार करवाने की कड़ी में जरुर कवायद शुरु हो चुकी है।
इस प्रोजेक्ट के लिए विभागीय स्तर पर प्रस्ताव पूर्व में भेजा जा चुका है, जिसके तहत नेशनल हाइवे 65 रोहट से नेशनल हाइवे 325 आहोर तक पीपीपी मोड पर इस रोड को बनाया जाना प्रस्तावित है। 82 किमी इस हिस्से की डीपीआर बनाने के लिए राज्य बजट में 1.82 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर आगामी परियोजना बनेगी।
बता दें पहले ये रोड बीओटी योजना के तहत बनाया गया था। रोड को बनाने वाली एजेंसी ने लंबे समय तक तो नवीनीकरण तक नहीं किया और मामला उच्च न्यायालय तक पहुंचा। जहां जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने एजेंसी को सड़क नहीं बनाने तक टोल वसूली बंद करने का निर्देश जारी किया, जिसके बाद सरकार की ओर से जारी बजट से रोड की दशा को जरुर सुधार गया है, लेकिन भविष्य को देखते हुए अब इस रोड का नए सिरे से नवीनीकरण किया जाना प्रस्तावित है।
इस तरह से प्रस्तावित है प्रोजेक्ट
राज्य बजट घोषणा के अनुरूप हालांकि इस रूट को नए सिरे से बनाया जाना है। डीपीआर बनने के बाद ही प्रोजेक्ट साफ हो पाएगा। हालांकि जो चर्चाएं हैं, उसके अनुसार यह रोड टू लेन बनेगा। रोड में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए आबादी और ग्रामीण क्षेत्रों में डिवाइडर भी बनेंगे।
पीपीपी मोड तो टोल वसूली होगी
नए सिरे से यह रोड पीपीपी (स्व वित्त पोषित) स्कीम में बनना प्रस्तावित है। सीधे तौर पर यह रोड एजेंसी की ओर से बनाया जाएगा। ऐसे में रोड निर्माण के बाद टोल एजेंसी की ओर से टोल वसूली भी की जाएगी।
दो हिस्सों में बना है टोल रोड
रोहट से जालोर और जालोर से जसवंतपुरा-रेवदर तक दो अलग अलग एजेंसी ने बीओटी स्कीम में टोल रोड बनाए। रोहट से जालोर के बीच बने टोल रोड पर 13 अगस्त 2013 से टोल वसूली शुरु हुई। टोल रोड को प्रति 7 साल में नवीनीकरण किया जाना था, लेकिन एजेंसी ने ऐसा नहीं किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि सड़क गड्ढों में तब्दील हुई और इसका लोगों ने विरोध जताया और जनहित याचिका तक दायर की गई, जिस पर टोल वसूली पर रोक लगी।
एजेंसी ने विड्राल कर दिया था प्रोजेक्ट
रोहट-जालोर के बीच 100 किमी टोल रोड की देखरेख करने वाली एजेंसी का कार्यकाल विवादों में ही रहा। टोल रोड की बदहाल स्थिति को लेकर कई बार विवाद भी हुए और आखिरकार एजेंसी ने टोल रोड की मरमत और रखरखाव के कार्य से विड्रा कर लिया।
फोरलेन बेहतर विकल्प
इस रोड को नेशनल हाइवे क्रमोन्नत करने की डिमांड चल रही थी। जालोर से प्रतिदिन चिकित्सा सेवाओं, हाईकोर्ट कार्य, खरीदारी के लिए जोधपुर तक लोगों की आवाजाही अधिक होती है। रोड पर ट्रेफिक बढ़ रहा है। इसलिए जनप्रतिनिधि भी इस रोड को नेशनल हाइवे फोरलेन में क्रमोन्नत करने की मांग कर चुके हैं। इस कड़ी में इस रोड को फोरलेन में क्रमोन्नत करना भविष्य के लिए जरुरी है। अभी इस रोड के लिए नए सिरे से डीपीआर बनेगी, सकारात्मक प्रयास से ये रोड फोरलेन बन सकती है।
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जरुरत के अनुसार डिमांड करेंगे
रोहट-आहोर-जालोर तक बदहाल टोल रोड वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। अब यह रोड नए सिरे से बनेगा। पहले स्तर पर टू लेन बनेगा। ट्रेफिक लोड के अनुसार जरुरत बढ़ेगी तो इसे फोरलेन में क्रमोन्नत करने के लिए भी सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे।
छगनसिंह राजपुरोहित, विधायक, आहोर
वर्ल्ड बैंक की स्कीम के तहत पीपीपी मोड में इस रोड का नवीनीकरण किया जाएगा। 82 किमी टोल रोड है, तो इस रोड पर दो टोल प्लाजा बनेंगे।