थानाधिकारी किशनलाल बिश्नोई ने बताया कि सोजती गेट के अंदर रहने वाले 25-30 महिलाएं, पुरुष व बच्चे घूमने के लिए दोपहर में मण्डोर उद्यान परिसर आए थे। इस दौरान सभी फूड चौपाटी से कुछ दूरी पर खाना खाने लगे। इनमें से कुछ युवक और बच्चे चौपाटी के सामने खुली नहर के पास घूमने लगे।
पांव फिसलने से नहर में गिरा
इनके साथ कुछ और लोग भी थे। घूमने के बाद सभी वहां से चले गए। दो साल का अब्दुल रहमान भूलवश पीछे रह गया। वह अकेला ही था। ऐसे में वह सीढ़ियां उतरकर नहर की तरफ चला गया और सबसे नीचे वाली सीढ़ी पर पांव फिसलने से नहर में गिर गया। करीब एक घंटे बाद अब्दुल रहमान नजर नहीं आया तो परिजन ने तलाश शुरू की, लेकिन मासूम नहीं मिला। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे तो फूड चौपाटी के पास सीढ़ियों से उतरने के बाद नहर में गिरता नजर आया। उद्यान के लोगों को बुलाया गया और नहर में तलाश शुरू की गई।
1 घंटे बाद मिला शव
करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद मासूम को बाहर निकाल लिया गया, लेकिन तब तक अब्दुल रहमान (2) की मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस ने शव
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी भिजवाया, जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंपा गया। मर्ग दर्ज कर जांच शुरू की गई है। हादसे के दौरान सभी लोग हंसी खुशी से घूमने का आनंद ले रहे थे। हादसे से घरवालों के साथ-साथ दूसरे मासूम बच्चे स्तब्ध रह गए। उनके आंखों से आंसू निकल आए। सभी मायूस होकर घर लौटे।
हादसे का सबब बनी नहर, काई से अटी
मण्डोर उद्यान से निकलने वाली नहर प्राचीन है, जो खुली है। साफ सफाई के अभाव में नहर काई से अटी हुई है। मासूम के शव को बाहर निकाला गया तो वह काई से भरा हुआ था। सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं है। न तो दीवार बनी है और न ही तारबंदी की गई है। इससे हर समय हादसे की आशंका रहती है।