गत तीन फरवरी की रात पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) रेंज जोधपुर विकास कुमार सरकारी एसयूवी से जोधपुर लौट रहे थे। साथ में एक-दो बोलेरो और भी थी। पाली जिले में रोहट के पास बजरी माफिया ने आइजी की गाड़ी देखी तो एक ने बजरी खनन और परिवहन करने वालों से जुड़े ग्रुप में वॉइस मैसेज कर दिए थे। उसने कहा कि आइजी की एसयूवी और अन्य गाड़ियां घूम रही हैं। दूसरे वॉइस मैसेज के अंत में उसने कहा कि कहो तो मैं आइजी की गाड़ी को ठोक दूं?
आइजी तक पहुंचे माफिया के वॉइस मैसेज
आइजी रेंज विकास कुमार के खुफिया तंत्र ने सोशल मीडिया ग्रुप का पता लगा लिया। बजरी माफिया के अलर्ट और धमकी भरे वॉइस मैसेज किसी के मार्फत आइजी तक पहुंच गए। अब माफियाओं के इस मकड़जाल को तोड़ने के पुलिस तैयारी कर रही है। आइजी रेंक के पुलिस अधिकारी के लिए भी ‘कहो तो ठोक दूं’ के वाइस मैसेज ने सारे पुलिस तंत्र के कान खड़े कर दिए हैं। अब पुलिस माफिया से निपटने के लिए दीर्घकालीन योजना बना रही है।
ग्रुप में जोधपुर-पाली के लोग शामिल
बजरी माफियाओं के ग्रुप में 946 लोग शामिल हैं, जो खनन और परिवहन करने वाले हैं। इनमें जोधपुर जिले के साथ ही पाली सीमा से जुड़े रोहट व आस-पास के क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं। रात को खनन और परिवहन के दौरान पुलिस व खनिज विभाग के किसी भी वाहन या अन्य संदिग्ध वाहन के दिखते ही अपडेट की जाती है, जो तुरंत ही सभी तक पहुंच जाती है। ताकि कार्रवाई से बचने का प्रयास किया जा सके।
बजरी माफिया ने देख लिया तो मैसेज करके अलर्ट
पाली से लौट रहा था। साथ में एक-दो और गाड़ियां भी थी। बजरी माफिया ने देख लिया तो मैसेज करके अलर्ट हो गए थे। इनके खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। -विकास कुमार, पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर