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रेलवे व ऑर्डिनेंस फैक्ट्री क्षेत्र के कचड़े का फर्जी भुगतान!
इधर नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद मिथलेश जैन एडवोकेट ने एमएसडब्ल्यू और नगर निगम अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि कटनी एमएसडब्ल्यू द्वारा रेलवे क्षेत्र एवं आयुध निर्माणी क्षेत्र (ऑर्डिनेंस फैक्ट्री) के कचड़े को अवैधानिक रूप से नगर निगम के कचरे के रूप में दर्शाकर निगम को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है। जैन ने इस संबंध में मप्र शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव, कलेक्टर, महापौर और आयुक्त नगर निगम को पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट कराया है। उन्होंने कहा कि डीपीआर और अनुबंध के अनुसार रेलवे एवं आयुध निर्माणी क्षेत्र के कचड़े को एकत्र करने, परिवहन करने और प्रसंस्करण की कोई स्वीकृति नहीं है।
बिना अनुबंध, वर्षों से हो रहा कचरा एकत्रीकरण
जैन के अनुसार पिछले 3-4 वर्षों से अधिक समय से कटनी एमएसडब्ल्यू द्वारा बिना निगम परिषद की स्वीकृति और बिना अनुबंध के रेलवे एवं आयुध निर्माणी क्षेत्र से कचरा इक_ा कर निगम के अमीरगंज/पडऱवारा स्थित प्लांट में लाया जा रहा है। इसे नगर निगम के कचरे के रूप में दिखाकर फर्जी बिलिंग की जा रही है और लाखों रुपए की राशि वसूली जा रही है। पत्र में बताया गया कि इस कचरे की तौल नगर निगम क्षेत्र से प्राप्त कचरे के रूप में कर के फर्जी भुगतान लिया गया और दूसरी ओर रेल्वे एवं आयुध क्षेत्र के ठेकेदारों से अलग से पैसे लेकर एमएसडब्ल्यू के कर्मचारियों द्वारा अनुबंध शर्तों का घोर उल्लंघन किया गया है। खेत में 8 साल की बच्ची के साथ युवक ने की दरिंदगी व जीजा ने साली को बनाया हवश का शिकार
आरटीआई से खुला मामला, एफआईआर की मांग
जैन ने आरटीआई के तहत पश्चिम मध्य रेलवे से जानकारी प्राप्त की, जिसमें मंडल चिकित्सा अधिकारी ने पुष्टि की कि एनकेजे की सभी कॉलोनियों से कचरा नगर निगम द्वारा निर्देशित स्थान (प्लांट) पर भेजा जा रहा है। इससे यह प्रमाणित होता है कि यह अवैध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र इंजीनियर एवं नगर निगम के अधिकारी, कर्मचारी सब कुछ जानते हुए भी इस अवैध कार्य को रोकने में विफल रहे, जो स्पष्ट रूप से मिलीभगत को दर्शाता है। मिथलेश जैन ने पुलिस अधीक्षक, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू), जबलपुर से मांग की है कि इस मामले में कटनी एमएसडब्ल्यू और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।