scriptपश्चिम बंगाल: भत्ता लेकर भी निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों पर कसा शिकंजा | Patrika News
कोलकाता

पश्चिम बंगाल: भत्ता लेकर भी निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों पर कसा शिकंजा

बाहर में निजी प्रैक्टिस नहीं करने के लिए सरकारी डॉक्टर सरकार से नॉन-प्रैक्टिसिंग भत्ता लेते हैं लेकिन, आरोप है कि भत्ता लेने के बावजूद कुछ सरकारी डॉक्टर बाहर में निजी तौर से चिकित्सा कर रहे हैं और स्वास्थ्य साथी परियोजना के तहत मरीजों का इलाज और ऑपरेशन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 19 सरकारी डॉक्टरों के नामों की सूची प्रकाशित की है। हालांकि, ज्यादातर आरोपी डॉक्टरों का दावा है कि वे भत्ता नहीं लेते हैं और उन्होंने सरकार को इसकी जानकारी दे दी है।

कोलकाताFeb 09, 2025 / 10:42 pm

Rabindra Rai

पश्चिम बंगाल: भत्ता लेकर भी निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों पर कसा शिकंजा

पश्चिम बंगाल: भत्ता लेकर भी निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों पर कसा शिकंजा

सख्ती: स्वास्थ्य विभाग ने जारी की 19 चिकित्सकों की सूची, स्वास्थ्य विभाग की विशेष जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा

बाहर में निजी प्रैक्टिस नहीं करने के लिए सरकारी डॉक्टर सरकार से नॉन-प्रैक्टिसिंग भत्ता लेते हैं लेकिन, आरोप है कि भत्ता लेने के बावजूद कुछ सरकारी डॉक्टर बाहर में निजी तौर से चिकित्सा कर रहे हैं और स्वास्थ्य साथी परियोजना के तहत मरीजों का इलाज और ऑपरेशन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे 19 सरकारी डॉक्टरों के नामों की सूची प्रकाशित की है। हालांकि, ज्यादातर आरोपी डॉक्टरों का दावा है कि वे भत्ता नहीं लेते हैं और उन्होंने सरकार को इसकी जानकारी दे दी है।

ऐसे डॉक्टरों की संख्या सबसे अधिक 11

इस सूची में पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दो जिलों में ऐसे डॉक्टरों की संख्या सबसे अधिक 11 है। इनमें से पूर्वी मेदिनीपुर में नौ और पश्चिम मेदिनीपुर में तीन हैं। बाकी आठ डॉक्टर मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, नदिया, हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना से हैं। इन 19 डॉक्टरों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ 12 और 20 फरवरी को स्वास्थ्य विभाग की विशेष जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। राज्य के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि नॉन-प्रैक्टिस भत्ता लेने के बाद भी राज्य के कुछ डॉक्टर निजी नर्सिंग होम में स्वास्थ्य साथी के लाभार्थी मरीजों की सर्जरी या अन्य उपचार कर रहे हैं। मेडिकल रिकॉर्ड में उन्हें आसानी से पहचानना संभव है।

डॉक्टरों ने किया भत्ता लेने के आरोप को खारिज

पूर्व मेदिनीपुर के ताम्रलिप्ता मेडिकल कॉलेज के आरोपी सात डॉक्टरों ने भत्ता नहीं लेने का दावा करते हुए चिकित्सा अधिकारियों से कार्रवाई की गुहार लगाई है। मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल शर्मिला मल्लिक ने कहा कि वे कोई भत्ता नहीं लेती हैं। उन पर सरकारी कर्तव्यों में लापरवाही का कोई आरोप नहीं है। नवद्वीप स्टेट जनरल अस्पताल, जंगीपुर सब डिवीजनल अस्पताल के डॉक्टरों ने भी नॉन प्रैक्टिस भत्ता नहीं लेने की बात कही। जंगीपुर महकमा अस्पताल के अधीक्षक काशीनाथ पांजा ने कहा कि हमारे अस्पताल के जिन डॉक्टर पर नॉन प्रैक्टिस भत्ता लेने और निजी प्रैक्टिस करने के आरोप लगाए जा रहे है वे भत्ता नहीं लेते हैं।

भत्ते की जानकारी दी जाए: फोरम

पांसकुड़ा सुपर स्पेशियलिटी के दो डॉक्टरों ने फिर दावा किया कि लिखित रूप से भत्ता नहीं लेने की सूचना देने के बाद भी उन्हें भत्ता दिया जा रहा था। हालांकि डेढ़ साल पहले भत्ता बंद कर दिया गया था। फिर हमें क्यों बुलाया जा रहा है। सूची में पश्चिम मेदिनीपुर के तीन डॉक्टरों के नाम हैं। उन पर अस्पताल में अनियमित होने का आरोप है। जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी सौम्यशंकर सारेंगी ने कहा कि उच्च अधिकारी मामले को देख रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि पुरुलिया के जिस डॉक्टर का नाम सूची में है, उन्होंने साढ़े तीन साल पहले इस्तीफा दे दिया था और तब से वे अनधिकृत छुट्टी पर हैं। सर्विस डॉक्टर फोरम के महासचिव सजल विश्वास ने कहा कि ज्वाइनिंग और प्रमोशन के समय नॉन-प्रैक्टिसिंग भत्ते की जानकारी दी जानी चाहिए। डॉक्टरों के पास रिपोर्ट करने के लिए कुछ भी नहीं है। कौन भत्ता नहीं लेना चाहता है और कौन लेना चाहता है, इसके लिए नए तरीके से आवेदन किए जाने के बाद कार्रवाई होनी चाहिए।

सबूत के साथ अपने दावे को साबित करें डॉक्टर

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जो डॉक्टर नॉन प्रैक्टिस भत्ता नहीं लेने का दावा कर रहे हैं, वे जांच समिति के समक्ष दस्तावेजों के साथ उसे साबित करें। हाल ही में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में प्रसूता की मौत के मामले में राज्य के सरकारी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल उठे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने नया निर्देश जारी किया कि सरकारी डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल के बाहर प्रैक्टिस करने की अनुमति लेने के लिए स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक या स्वास्थ्य निदेशक के पास आवेदन करना होगा। समिति इस बात की जांच करेगी कि क्या आरोपी 19 डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी के दौरान अनुपस्थित रहकर निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस की है।

Hindi News / Kolkata / पश्चिम बंगाल: भत्ता लेकर भी निजी प्रैक्टिस कर रहे सरकारी डॉक्टरों पर कसा शिकंजा

ट्रेंडिंग वीडियो