सूत्रों ने ने बताया कि बीटीपीएन वैगन एक ऐसा वैगन है, जिसमें ऑयल का परिवहन किया जाता है। इसमें ब्लैक ऑयल और व्हाइट ऑयल दो श्रेणियां होती हैं। इसमें ब्लैक ऑयल बीटीपीएन रैक के वैगन में क्रूड और अनफिल्टर ऑयल की लोडिंग-अनलोडिंग की जाती है, जबकि व्हाइट ऑयल रैक में पेट्रोल, डीजल व अन्य फिल्टर पेट्रो पदार्थों का परिवहन किया जाता है।
व्हाइट ऑयल रैक की जरूरत थी: कोटा वर्कशॉप ने ब्लैक ऑयल बीटीपीएन रैक को व्हाइट ऑयल बीटीपीएन रैक में यंत्रीकृत तरीके से परिवर्तन किया गया। कारखाने की ओर से व्हाइट ऑयल की मांग को देखते हुए यह परिवर्तन किया गया। व्हाइट ऑयल बीटीपीएन वैगन की मांग ब्लैक ऑयल बीटीपीएन वैगन की तुलना में ज्यादा रहती है। ऐसे में कारखाना कर्मचारियों की ओर से 14 दिन में यह काम पूरा कर दिया गया।
ब्लैक रैक के वैगन के अन्दर एवं ऊपर जमे हुए ब्लैक ऑयल को 300 बार के हाई प्रेशर वाटर जेट के उपकरण की मदद से साफ किया गया। इसके बाद निकले हुए ब्लैक ऑयल स्लज को वैक्यूम ट्रक के उपकरण की मदद से खींचकर कारखाने में स्थित ईटीपी प्लांट में डिस्पोज किया गया। इस यंत्रीकृत प्रक्रिया में निकलने वाली खतरनाक गैसों को वैगन के एक मैनहॉल पर लगे एल्यूमिनियम ब्लेड वाले फायरप्रूफ पंखों की मदद से निरंतर बाहर निकाला गया। पूर्णत: यंत्रीकृत होने के कारण इस कार्य की गुणवत्ता मैनुअल कार्य से काफी अधिक रही। ऐसे यंत्रीकृत कार्यों से रेल कर्मचारियों के समय की बचत के साथ-साथ रेलवे के लाखों रुपए की बचत भी हो गई।
व्हाइट रैक का किया लोकार्पण: ब्लैक रैक को व्हाइट रैक के रूप में तैयार करने के बाद रैक का लोकार्पण सोमवार को कोटा रेल मंडल के डीआरएम अनिल कालरा, कोटा कारखाना के मुख्य कारखाना प्रबंधक सुधीर सरवरिया एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक ललित कुमार धुरंधर की मौजूदगी में किया गया।