लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली आम लेकिन अनदेखी आदतें
प्रोसेस्ड फूड का जरूरत से ज्यादा सेवन
रेडी-टू-ईट या लंबे समय तक चलने वाले प्रोसेस्ड फूड जैसे पनीर, डिब्बाबंद सब्जियां, ब्रेड, पेस्ट्री, केक, सॉसेज रोल आदि में प्रिजर्वेटिव्स और अन्य रसायन मौजूद होते हैं, जो लिवर पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं। इनसे बचना ही बेहतर है।
सॉफ्ट ड्रिंक्स का अत्यधिक सेवन
जो लोग नियमित रूप से मीठे पेय जैसे कोल्ड ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक का सेवन करते हैं, उनमें नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का खतरा अधिक होता है। ज्यादा मसाले और तला-भुना खाना
अत्यधिक तेल, मसाले और वसा से भरपूर खाना लिवर पर अतिरिक्त भार डालता है। इससे लिवर की कार्यक्षमता धीमी हो सकती है और सूजन की संभावना बढ़ जाती है। इसे भी पढ़ें-
Fennel Seeds For Kidney: जानिए सौंफ के बीज के 3 ऐसे फायदे जो किडनी की सेहत को कर सकते हैं बेहतर चीनी और नमक की अधिक मात्रा
ज्यादा चीनी और नमक का सेवन भी लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। यह फैट मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है और लिवर को टॉक्सिक सब्सटेंस को फिल्टर करने में मुश्किल होती है।
नींद की कमी और तनाव
पर्याप्त नींद लेना लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है। नींद की कमी से लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है अत्यधिक मोटापा
मोटापा लिवर में फैट के जमाव को बढ़ाता है, जिससे नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। समय रहते वजन नियंत्रित करना जरूरी है।
बिना सलाह दवाओं का सेवन
कुछ दवाएं हेपेटोटॉक्सिक (लिवर को नुकसान पहुंचाने वाली) होती हैं। इसलिए किसी भी दवा को डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेना चाहिए। लिवर को स्वस्थ रखने के आसान तरीके
संतुलित भोजन करें – रोजाना फल, सब्जियां, दालें और हल्का खाना खाने से लिवर सही तरीके से काम करता है। रोज एक्सरसाइज करें – थोड़ी देर टहलना या हल्का व्यायाम करना लिवर की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। अच्छी नींद लें – हर दिन 7–8 घंटे की नींद जरूरी है, इससे लिवर को आराम और ठीक से काम करने में मदद मिलती है।
तनाव से दूर रहें – ज्यादा तनाव लिवर पर असर डालता है, इसलिए ध्यान, योग या गहरी सांस जैसी तकनीकें अपनाएं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।