सम्मेलन की विशेषताएं
- शुभारंभ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटन
- स्थान: प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र
- तिथि: 16 फरवरी 2025
- प्रतिभागी: 450 धर्मगुरु, 140 वक्ता और विभिन्न प्रतिनिधिमंडल
- मुख्य विषय: कुंभ की आस्था और जलवायु परिवर्तन
सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस महत्वपूर्ण आयोजन की सभी तैयारियां समय से पहले पूरी कर ली जाएं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि कार्यक्रम स्थल पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों और कोई भी असुविधा न हो। प्रयागराज प्रशासन और मेला प्राधिकरण प्रशासन को इस सम्मेलन की सफलता के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा गया है।
सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य
- जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता: धर्मगुरुओं और विशेषज्ञों के माध्यम से पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझाना।
- सतत विकास और गंगा संरक्षण: गंगा की स्वच्छता, जल संरक्षण और सतत विकास की दिशा में ठोस कदम उठाना।
- आध्यात्मिकता और पर्यावरण: धर्म और आस्था के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना।
- नीतिगत सिफारिशें: सम्मेलन से निकले सुझावों को सरकार की पर्यावरण नीतियों में शामिल करना।
सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख धर्मगुरु और विशेषज्ञ
इस सम्मेलन में विभिन्न धर्मों के 450 से अधिक धर्मगुरु हिस्सा लेंगे, जो जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। साथ ही, 140 वक्ता और पर्यावरण विशेषज्ञ इस विषय पर अपने शोध और दृष्टिकोण साझा करेंगे। इन विशेषज्ञों में वैज्ञानिक, समाजसेवी और शिक्षाविद भी शामिल होंगे।
प्रयागराज में तैयारियां जोरों पर
- मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बैठक के दौरान निर्देश दिए कि सम्मेलन के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न न हो, सफाई की समुचित व्यवस्था हो और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। इस दौरान:
- हेल्प डेस्क: प्रतिभागियों की सुविधा के लिए एक हेल्प डेस्क कार्यक्रम स्थल पर स्थापित की जाएगी।
- ट्रेवल डेस्क: प्रयागराज एयरपोर्ट और लखनऊ एयरपोर्ट पर प्रतिभागियों के लिए एक ट्रेवल डेस्क स्थापित की जाएगी।
- स्वच्छता अभियान: आयोजन स्थल और आसपास के क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा।
- यातायात प्रबंधन: सम्मेलन स्थल तक पहुंचने के लिए विशेष यातायात प्रबंधन योजना लागू की जाएगी।
प्रमुख सचिव वन अनिल कुमार और अन्य अधिकारी हुए शामिल
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव वन अनिल कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इसके अलावा, प्रयागराज प्रशासन और मेला प्राधिकरण प्रशासन के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
सम्मेलन का महत्व और प्रभाव
यह सम्मेलन पर्यावरण संरक्षण को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ कुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों के माध्यम से प्रकृति संरक्षण के महत्व को रेखांकित करेगा। धर्मगुरुओं के विचारों और उनके संदेशों के माध्यम से आम जनता को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रेरित किया जाएगा।