शिकायतें और छापेमारी की कार्रवाई
आईजीआरएस पोर्टल पर 18 फरवरी को शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिनमें बताया गया था कि शहर के पांच सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिक आयुर्वेद के नाम पर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। इस शिकायत के बाद शासन ने तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। कार्रवाई के लिए गैर जनपद की पांच टीमें गठित की गईं, जिन्होंने एक साथ छापेमारी की।
किन-किन क्लीनिकों पर हुई छापेमारी?
सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार ने बताया कि छापेमारी निम्नलिखित क्लीनिकों पर की गई: - हजरतगंज स्थित डॉ. एसके जैन की क्लीनिक – टीम ने डॉक्टर से दवाओं की जानकारी ली और दवा के नमूने एकत्र किए।
- एपी सेन रोड स्थित डॉ. एके जैन की क्लीनिक – दवा के नमूने लेने के दौरान विरोध किया गया, लेकिन टीम ने जांच पूरी की।
- बासमंडी स्थित डॉ. पीके जैन की क्लीनिक – टीम ने यहां से भी दवा के नमूने एकत्र किए।
- लालकुआं स्थित राणा डिस्पेंसरी – टीम ने विरोध के बावजूद कार्रवाई की।
- चारबाग पानदरीबा स्थित डॉ. ताज की क्लीनिक – यहां भी छापेमारी कर दवा के नमूने लिए गए।
अनियमितताएं और दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल
सहायक आयुक्त ने बताया कि क्लीनिक में उपलब्ध दवाओं पर कोई फार्मूला नहीं लिखा था, केवल दवा का नाम दर्ज था। यह संभावना जताई जा रही है कि ये दवाएं स्थानीय स्तर पर तैयार की जाती हैं, जो जांच का विषय है। क्लीनिक संचालकों ने स्टेरॉयड और एलोपैथिक दवाओं की मिलावट से इनकार किया, लेकिन टीम ने 10 नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेज दिए हैं।
छापेमारी के बाद हड़कंप
छापेमारी की भनक लगते ही शहर के अन्य सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिक संचालकों में हड़कंप मच गया। कई डॉक्टरों ने अपने क्लीनिक बंद कर दिए। जांच दलों का कहना है कि यदि जांच में मिलावट की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि इन दवाओं में हानिकारक तत्व पाए जाते हैं, तो संबंधित क्लीनिकों को सील किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। इस छापेमारी ने दिखाया कि कुछ क्लीनिक मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अब जांच के नतीजों के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी। मरीजों को भी सलाह दी जा रही है कि वे बिना जांचे-परखे किसी भी अनियमित क्लीनिक से इलाज न कराएं।