अडानी ने पोस्ट में लिखा- अपेक्षाओं के बोझ तले दबकर एक होनहार बेटी का यूं चले जाना हृदयविदारक है। जीवन किसी भी परीक्षा से बड़ा होता है- यह बात अभिभावकों को खुद भी समझनी होगी और बच्चों को भी समझानी होगी। मैं पढ़ाई में बहुत सामान्य था। पढ़ाई एवं जीवन में कई बार असफल भी हुआ, लेकिन हर बार जिंदगी ने नया रास्ता दिखाया। मेरी आप सभी से बस इतनी सी विनती है – असफलता को कभी आखिरी मंजिल न समझें। क्योंकि जिंदगी हमेशा दूसरा मौका देती है…!
2 साल से तैयारी कर रही थी छात्रा
गोरखपुर में कैंट थाना क्षेत्र के बेतियाहाता मोमेंटम कोचिंग सेंटर की स्टूडेंट अदिति 2 साल से तैयारी में जुटी थी। अदिति के साथ रहने वाली एक छात्रा के मुताबिक, ‘उसने JEE का रिजल्ट आने के बाद अपने मॉम-डैड से बात की। मोबाइल रिचार्ज करने के लिए भी कहा। जब अदिति ने फांसी लगाई तब वह बाहर गई हुई थी।’ जब वापस लौटी और दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब नहीं मिला। अंदर झांककर तो देखा कि अदिति स्टोल से बने फंदे से लटकी हुई थी। इस पर हॉस्टल वॉर्डन को जानकारी दी। आईएएस बनना चाहती थी अदिति
घटना के कुछ ही देर बाद अदिति की मौसी कल्पना और मौसा सूर्यनाथ मिश्रा वहां पहुंच गए। मौसी ने बताया कि मंगलवार को अदिति की उनसे बात हुई थी। उसने कहा था कि सफल नहीं हुई तो क्या हुआ, आगे आईएएस की तैयारी करेगी। वह शुरू से ही आईएएस बनना चाहती थी।