राज्यपाल के अभिभाषण से होगी शुरुआत
18 फरवरी को विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत होगी। इसके बाद वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जाएगा। यह बजट 2024-25 के लोकसभा चुनावों से पहले योगी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा, जिससे इसकी राजनीतिक अहमियत और बढ़ गई है। प्रमुख मुद्दों पर गरमाएगा सदन
इस बार का बजट सत्र केवल राजकोषीय घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगा। विपक्ष ने सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और प्रयागराज महाकुंभ में हुई अव्यवस्थाओं पर घेरने की पूरी रणनीति बना ली है।
प्रमुख विपक्षी मुद्दे
- प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे और अव्यवस्थाओं पर सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
- प्रदेश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी विपक्ष हमलावर रहेगा।
- हाल ही में हुए मिल्कीपुर उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव के तीखे तेवरों को देखते हुए सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक की संभावना है।
सरकार की रणनीति
योगी सरकार इस बार भी प्रभावी बजट पेश कर विकास एजेंडा आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी। सरकार बुनियादी ढांचे, युवाओं को रोजगार, निवेश, महिला सुरक्षा और ग्रामीण विकास को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कर सकती है। इसके अलावा, सरकार आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जनता को राहत देने वाले प्रावधानों पर जोर दे सकती है।
सत्र के दौरान उठने वाले संभावित बड़े मुद्दे
- महाकुंभ 2025 की तैयारियां और हाल ही में हुई अव्यवस्थाएं
- नौकरी और रोजगार को लेकर सरकार की नीति
- महंगाई पर सरकार के प्रयास
- राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या के विकास पर चर्चा
- गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर विपक्ष का दबाव
- कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष का हमलावर रुख
- बजट में शामिल हो सकते हैं ये बड़े प्रस्ताव
- सड़कों और एक्सप्रेसवे के विस्तार के लिए विशेष प्रावधान
- युवाओं के लिए नई सरकारी नौकरियों की घोषणा
- किसानों को आर्थिक सहायता देने की नई योजनाएं
- महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष बजट आवंटन
- हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए नए प्रस्ताव
सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष: किसका होगा पलड़ा भारी?
इस सत्र में भाजपा के पास मजबूत संख्याबल है, लेकिन विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में हैं। अखिलेश यादव और उनके समर्थक प्रयागराज महाकुंभ की अव्यवस्थाओं, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोल सकते हैं। वहीं, भाजपा अपने बजट के माध्यम से विकास कार्यों पर फोकस रखकर विपक्ष के हमलों को जवाब देने की रणनीति पर काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का यह बजट सत्र कई अहम राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। जहां सरकार विकास योजनाओं और लोक-कल्याणकारी नीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, वहीं विपक्ष सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सत्र विकास की नई योजनाओं के लिए जाना जाएगा या फिर राजनीतिक हंगामे के लिए सुर्खियां बटोरेगा।