प्रभावित जिले और मौसम पूर्वानुमान
शनिवार को सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर और आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि की संभावना है। इन इलाकों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की भी उम्मीद है। इसके अलावा, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, सीतापुर, हरदोई समेत अन्य जिलों में बारिश के साथ वज्रपात की चेतावनी दी गई है। पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर शनिवार को पश्चिम से पूरब तक दिखाई देगा। रविवार से हवा का रुख पछुआ हो जाएगा और उसकी गति में वृद्धि होगी, जिससे दिन का तापमान फिर से बढ़ना शुरू होगा।
कृषि और जनजीवन पर प्रभाव
इस मौसम परिवर्तन का कृषि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। खासकर गेहूं, सरसों और अन्य रबी फसलों के लिए ओलावृष्टि और तेज बारिश नुकसानदायक हो सकती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं। साथ ही, आम जनता को भी सावधानी बरतने और मौसम विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
आगामी दिनों का मौसम
रविवार से पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर होने की संभावना है, जिससे मौसम में सुधार होगा। हालांकि, पछुआ हवाओं के चलते तापमान में वृद्धि हो सकती है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी के लिए नियमित रूप से मौसम विभाग के अपडेट्स पर नजर रखें। सावधानियां और सुझाव
- किसानों के लिए: फसलों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए उचित कवरिंग सामग्री का उपयोग करें। साथ ही, सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दें।
- सामान्य जनता के लिए: बिजली गिरने की संभावना वाले क्षेत्रों में खुले स्थानों पर जाने से बचें। घर में रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
- यातायात के लिए: बारिश और फिसलन भरी सड़कों के कारण वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। तेज गति से बचें और ट्रैफिक नियमों का पालन करें।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्तमान मौसम परिवर्तन के मद्देनजर, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और मौसम विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें। इससे न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि सामूहिक रूप से हम संभावित नुकसान को भी कम कर सकेंगे।