scriptअनिरुद्ध कुमार पांडेय से संत प्रेमानंद जी महाराज बनने का सफर, धरती पर इतने बरस तक देंगे दिव्य दर्शन | Premanand Maharaj Real Name Journey from Anirudh Kumar Pandey to Saint | Patrika News
मथुरा

अनिरुद्ध कुमार पांडेय से संत प्रेमानंद जी महाराज बनने का सफर, धरती पर इतने बरस तक देंगे दिव्य दर्शन

Premanand Maharaj Biography: वृंदावन के मशहूर संत प्रेमानंद जी महाराज ने 13 वर्ष की आयु में संन्यास ग्रहण कर आध्यात्मिक मार्ग अपनाया था। वृंदावन में उन्होंने भक्ति का प्रचार किया और “श्री हित राधा केली कुंज” आश्रम की स्थापना की। आइए जानते हैं उनके असली और उनके जीवन के बारे में…

मथुराFeb 12, 2025 / 04:40 pm

ओम शर्मा

अनिरुद्ध कुमार पांडेय से संत प्रेमानंद जी महाराज बनने का सफर

अनिरुद्ध कुमार पांडेय से संत प्रेमानंद जी महाराज बनने का सफर

Premanand Maharaj: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के एक छोटे से गांव अखरी में जन्मे संत प्रेमानंद जी महाराज का जीवन शुरू से ही आध्यात्मिक आभा से भरा था। उनके माता-पिता अत्यंत धार्मिक प्रवृत्ति के थे, जिससे उनके बालमन में भक्ति के बीज बचपन से ही अंकुरित हो गए। उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय था, लेकिन नियति ने उनके लिए कुछ और ही तय कर रखा था। 13 वर्ष की अल्पायु में ही उन्होंने सांसारिक मोह-माया को त्यागकर संन्यास का मार्ग अपना लिया। वाराणसी के गंगा तट पर तपस्या करते हुए, वे घंटों ध्यान में लीन रहते, और कभी-कभी तो केवल गंगाजल पर ही दिन गुज़ार देते थे। उनकी कठोर साधना देखकर एक संत ने कहा था कि “यह बालक कोई साधारण आत्मा नहीं है, यह 80 वर्षों तक इस धरा पर भक्तों का मार्गदर्शन करेगा।”

वृंदावन में आध्यात्मिक यात्रा

वाराणसी की कठिन तपस्या के बाद, प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन पहुंचे, जहां उन्होंने श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज से दीक्षा ली। वृंदावन के पावन धाम में उन्होंने भक्ति का एक नया अध्याय लिखा, जहां आज उनका “श्री हित राधा केली कुंज” आश्रम हजारों भक्तों के लिए आध्यात्मिक ज्ञान का केंद्र बन चुका है।
महाराज जी के प्रवचन केवल धार्मिक उपदेश नहीं होते, बल्कि वे जीवन जीने की कला सिखाते हैं। उनका मानना है कि कलयुग में केवल नाम संकीर्तन ही मनुष्य को भवसागर से पार कर सकता है। उनके सत्संगों में भाग लेने वाले लोगों की जिंदगी में चमत्कारी परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
यह भी पढ़ें

‘एनकाउंटर का पश्चाताप कैसे करूं?’ पुलिस अफसर का प्रेमानंद महाराज से सवाल, मिला ये जवाब

युवाओं और महिलाओं के जीवन में बदलाव

महाराज जी केवल भक्ति का प्रचार नहीं करते, बल्कि वे देश के युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान देते हैं। उनके आश्रम में धार्मिक शिक्षाओं के साथ-साथ नैतिक शिक्षा, ध्यान, योग, और आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी जाती है। महिलाओं को विशेष रूप से महाराज जी ने शिक्षा दी है कि वे आत्मनिर्भर बनें, अपने आत्म-सम्मान को समझें, और भक्ति में शक्ति को पहचानें। उन्होंने सैकड़ों महिलाओं को आध्यात्मिक ज्ञान देकर जीवन की नई दिशा दिखाई है।
प्रेमानंद जी महाराज
प्रेमानंद जी महाराज

महाराज जी का संदेश: प्रेम और भक्ति ही है असली शक्ति

प्रेमानंद जी महाराज का मानना है, “राधा नाम का जाप करने से ही जीवन में शांति और समृद्धि आती है। वे यह भी कहते हैं कि भक्ति केवल मंदिरों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि उसे अपने जीवन में उतारना चाहिए।”
उनकी आध्यात्मिक शिक्षा, प्रवचन, और चमत्कारी कृपा ने लाखों लोगों का जीवन बदल दिया है। आज वे केवल वृंदावन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि डिजिटल माध्यमों के जरिए पूरे देश-विदेश में उनके प्रवचन सुने जाते हैं। उनके भक्तों का मानना है कि महाराज जी की वाणी में एक दिव्य शक्ति है, जो किसी भी दुखी मनुष्य के जीवन में उजाला ला सकती है।
यह भी पढ़ें

प्रेमानंद महाराज के भक्तों के लिए खुशखबरी, परिक्रमा मार्ग नहीं, अब यहां होंगे दर्शन

शिष्यों की प्रेरणादायक कहानियां

1. नवल नागिरी बाबा: पंजाब के पठानकोट से आने वाले नवल नागिरी बाबा भारतीय सेना में कार्यरत थे। 2017 में प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन सुनने के बाद, उन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी और महाराज जी के शिष्य बन गए। वर्तमान में, वे भक्तों के प्रश्नों को महाराज जी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2. श्याम सुखदानी बाबा: इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, श्याम सुखदानी बाबा ने बैंगलोर और गुड़गांव में नौकरी की। महाराज जी के सानिध्य में आने के बाद, उन्होंने अपनी पेशेवर जिंदगी को त्यागकर आध्यात्मिक मार्ग अपनाया और अब वे महाराज जी के साथ रहते हैं।
3. महामाधुरी बाबा: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के निवासी महामाधुरी बाबा एक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे। प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचनों से प्रभावित होकर, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और महाराज जी के शिष्य बन गए। 
4. आनंद प्रसाद बाबा: दिल्ली के रहने वाले आनंद प्रसाद बाबा फुटवियर के व्यवसाय से जुड़े थे।महाराज जी की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, उन्होंने अपना व्यवसाय छोड़ दिया और आध्यात्मिक जीवन अपनाया। 

संत प्रेमानंद जी महाराज न केवल एक संत हैं, बल्कि वे एक मार्गदर्शक, एक प्रेरणा स्त्रोत और एक चमत्कारी शक्ति हैं, जिन्होंने न जाने कितने लोगों की जिंदगी बदल दी है।उनका जीवन हमें सिखाता है कि यदि सच्चे मन से भक्ति की जाए, तो कोई भी संकट हमें रोक नहीं सकता।

Hindi News / Mathura / अनिरुद्ध कुमार पांडेय से संत प्रेमानंद जी महाराज बनने का सफर, धरती पर इतने बरस तक देंगे दिव्य दर्शन

ट्रेंडिंग वीडियो