मीडिया से बात करते हुए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के कमिश्नर भूषण गगरानी (Bhushan Gagrani) ने पुष्टि की कि 64 वर्षीय महिला जीबीएस से पीड़ित है. संक्रमित महिला का इलाज एक बीएमसी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में चल रहा था।
बीएमसी अधिकारियों ने बताया कि शहर के अंधेरी पूर्वी इलाके में रहने वाली बुजुर्ग महिला को बुखार और दस्त की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि पीड़िता लकवा से भी ग्रसित है।
एक महीने में 6 मरीजों की मौत!
जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक इस गंभीर तंत्रिका संबंधी विकार (GBS Outbreak) से पीड़ित छह संदिग्ध मरीज दम तोड़ चुके है। जीबीएस से पुणे में चार, पिंपरी-चिंचवड में एक और सोलापुर में एक शख्स की मौत की खबर है।
गुरुवार को गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के तीन नए संदिग्ध मामले सामने आये है। राज्य में अब तक कुल 173 संदिग्ध मरीजों का पता चला है, जिनमें से 140 में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। जीबीएस के 72 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। जबकि 55 मरीजों की हालत गंभीर है और वे आईसीयू में भर्ती हैं। वहीं, 21 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।
जीबीएस एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पेरिफेरल नर्व सिस्टम के एक हिस्से पर हमला करता है। जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, पैर-बाहों में झुनझुनी, सूनापन और निगलने या सांस लेने में दिक्कतें होती हैं। जीबीएस संक्रमण दूषित पानी या भोजन के सेवन से हो सकता है। संक्रमितों में बुखार, दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षण दिखते है।