सूत्रों के अनुसार बरगढ़ के पदमपुर पुलिस थाने के एसआई एसके नायक, महिला कांस्टेबल ज्योत्सना मिश्रा, दायत्री की टीम नागौर पहुंची। यहां सीडब्लूसी से इस संबंध में पूरी जानकारी जुटाई। वहां दर्ज मामले में टीम अनुसंधान के लिए नाबालिग पीड़िता को अपने साथ उड़ीसा ले गई। वहां नाबालिग के बयान होंगे, बालिका का सौदा कर विवाह करने/ बलात्कार समेत अन्य मामले के संबंध में जांच की जाएगी। आवश्यक होने पर शादी करने वाले अधेड़ को भी उड़ीसा पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। उधर, दलाल के साथ अपहर्ता की भूमिका भी जांची जाएगी।
सूत्र बताते हैं कि पीड़िता की उम्र करीब सोलह साल है। उसे पहले जोधपुर लाकर विवाह करने वाले परिवार से मिलवाया गया। इस मामले में एक-दो स्थानीय लोगों की भी भूमिका रही है। हालांकि स्थानीय पुलिस को इस मामले में किसी तरह की रिपोर्ट नहीं मिली है। शादी करने वाले परिवार से उड़ीसा पुलिस ने कोई पूछताछ नहीं की।
बताया जाता है कि अभी तक पीड़िता की शिकायत पर ही फोकस किया जा रहा है। नाबालिग के अपहरण का मामला उड़ीसा के बरगढ़ में दर्ज होने के कारण यहां सौदे के बाद शादी और फिर प्रताड़ना संबंधी सभी तरह की शिकायतें उसी में शामिल की जाएंगी। नाबालिग के बयान के बाद ही जांच की दिशा तय होगी।
कहीं साजिश तो नहीं…
इस नाबालिग की बड़ीखाटू के एक परिवार में शादी की गई। दो माह बाद वो अपने घर जाने की जिद करने लगी। परिवार वाले इसके लिए तैयार नहीं थे, उन्हें यह डर भी था कि कहीं जाने के बाद वापस आए ही नहीं। ऐसे में पहले राजी-खुशी उसे मनाया गया, फिर भी नहीं मानी तो प्रताड़ित किया गया।
ऐसे में उसने भागकर चाइल्ड लाइन पर फोन कर अपनी पीड़ा बताई। हालांकि उसके चाइल्ड लाइन पर फोन करने की सलाह देने या फिर उसे इसके लिए प्रेरित करने के पीछे की कहानी भी समझ से बाहर है। वो इसलिए भी कि बाहर से आई नाबालिग को भाषा से लेकर उस पर लगे कड़े पहरे का भी डर था, ऐसे में चाइल्ड लाइन पर फोन पर करना भी कम रहस्यमय नहीं है।