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नागौर

राजस्थान में सुरक्षा पर सियासत: हनुमान बेनीवाल के बाद भाई ने भी लौटाए PSO, जानें क्यों उठाया ये कदम?

Rajasthan Politics: राजस्थान में सुरक्षा पर राजनीतिक भूचाल आया हुआ है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के बाद उनके भाई और पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने भी अपनी सुरक्षा वापस कर दी है।

नागौरApr 29, 2025 / 06:15 pm

Nirmal Pareek

Nagaur MP Hanuman Beniwal nad Narayan Beniwal

फाइल फोटो

Rajasthan Politics: राजस्थान में सुरक्षा पर राजनीतिक भूचाल आया हुआ है। नागौर सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने राज्य सरकार की ओर से दी गई सुरक्षा लौटाकर न केवल प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी सीधी चुनौती दी है।
चौंकाने वाली बात यह है कि उनके भाई और पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने भी अपनी सुरक्षा वापस कर दी है। दोनों नेताओं के इस कदम ने प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।

भाई नारायण बेनीवाल का भी बड़ा कदम

पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल ने भी सरकार से मिली सुरक्षा को ‘नाममात्र की’ बताते हुए उसे वापस कर दिया। उन्होंने कहा कि जब पुलिस अधिकारियों का काम अपने आकाओं को खुश करना हो, तब ऐसी सुरक्षा से बेहतर है कि मैं अपने ईश्वर और भाग्य के भरोसे रहूं।
नाराय़ण बेनीवाल ने कहा कि कहा कि मुझे राज्य सरकार के विशेष आदेश से मेरी जान को खतरा बताते हुए एक गनमैन (पी.एस.ओ.) उपलब्ध करवाया गया था, जो आज दिनांक तक मेरी सुरक्षा में कार्य कर रहा है। कल नागौर के माननीय सांसद महोदय ने पुलिस विभाग की लचर व्यवस्था एवं अधिकारियों की लापरवाही के क्रम में अपनी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मियों को लौटाने का फैसला लिया था।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में मैं भी अपनी सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पी.एस.ओ. को तत्काल प्रभाव से अपनी सुरक्षा व्यवस्था से हटाकर पुलिस लाईन नागौर के लिए कार्यमुक्त कर रहा हूँ, क्योंकि जब पुलिस अधिकारियों का काम अपने आकाओं को खुश रखना अपने कर्तव्यों से ज्यादा जरूरी हो जाए तब पुलिस तंत्र के भरोसे अपनी सुरक्षा की बजाए अपने आराध्य ईश्वर और अपने भाग्य के भरोसे छोडना ज्यादा मुनासिब समझता हूं।
नारायण बेनीवाल का पत्र

‘मेरी सुरक्षा आपके भरोसे नहीं’- हनुमान बेनीवाल

हाल ही में हनुमान बेनीवाल ने सीएम भजनलाल से दो टूक कहा कि मेरी सुरक्षा आपके भरोसे नहीं है। राजस्थान के जवान और किसान मेरी सुरक्षा करेंगे। कहा कि अन्याय तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ मैं हमेशा ऐसे ही लड़ता रहूंगा और पुन: यह कह रहा हूं कि मुझे आपकी सुरक्षा की जरूरत नहीं है, मैं मेरी सुरक्षा में तैनात दोनों सुरक्षाकर्मी वापिस लौटा रहा हूं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा दिखावटी है और उसमें गंभीरता का अभाव है। 25 अप्रैल को पुलिस इंटेलिजेंस से जान को खतरा होने का इनपुट मिलने के बावजूद, उचित सुरक्षा नहीं दी गई।

हनुमान बेनीवाल ने पूछे दो सवाल

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का कहना है कि मुझे विगत कई वर्षों से आधुनिक हथियारों से लैंस 4 सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करवाए गए थे और इस सरकार के आते ही उन्हें हटाकर दो कर दिए गए और विगत महीनों में उनसे भी आधुनिक हथियार लेकर पिस्टल जैसा हथियार उन्हें दिया, मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यह प्रश्न पूछते हुए मुझे उपलब्ध दो सुरक्षाकर्मी भी वापिस लौटा रहा हूं।
सवाल 1 – 25 अप्रैल को राज्य सरकार के आला अफसरों ने मुझे दूरभाष पर जान से खतरा बताते हुए एस्कॉर्ट और सुरक्षा उपलब्ध करवाने की बात कहीं और मै 3 दिनों से जयपुर में हूं, जहां मैने सार्वजनिक रूप से प्रेस वार्ता भी की, कल से धरने में हूं, ऐसे में आपकी सरकार के इंटेलिजेंस को केंद्र की एजेंसियों से मेरी सुरक्षा को लेकर इनपुट होने के बावजूद इंटेलिजेंस द्वारा आदेशित श्रेणी की सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? तथा मुझसे किससे खतरा है, यह जानकारी आप सार्वजनिक कब करोगे?
सवाल 2 – क्या आपके नागौर SP राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार की इंटेलिजेंस के उच्च अधिकारियों से भी बड़े हो गए जो यह कह रहे है कि केवल नागौर जिले में ही एस्कॉर्ट और सुरक्षा दी जाएगी? जबकि मैं पूरे राजस्थान और देश के कई अन्य राज्यों के सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी जाता रहता हूं।

11 साल से बिना हथियार के सांसद

वहीं, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हनुमान बेनीवाल ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2014 में हथियार जमा करवाने के बाद, 2017 में मुकदमा खत्म होने के बावजूद उनका लाइसेंस बहाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगर मुझ पर हमला होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? बेनीवाल का दावा है कि फाइलें संभागीय आयुक्त से कलेक्टर और फिर एसपी के बीच घूम रही हैं, लेकिन जानबूझकर निर्णय नहीं लिया जा रहा है।

राजनीतिक बदले की भावना?

बेनीवाल का आरोप है कि सरकार और प्रशासन राजनीतिक द्वेष के चलते उनकी सुरक्षा और हथियार लाइसेंस के मामलों में अड़ंगा डाल रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर राज्य सरकार और केंद्र की इंटेलिजेंस को इनपुट है, तो फिर मुझे उसी स्तर की सुरक्षा क्यों नहीं दी जा रही? उन्होंने यह भी पूछा कि नागौर एसपी को किस आधार पर यह अधिकार है कि वह कहें कि सिर्फ नागौर जिले में सुरक्षा दी जाएगी, जबकि वे पूरे देश में सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाते हैं।

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