गौरतलब है कि वर्ष 2018 में राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाई गई ‘मनाएं नागौर का स्थापना दिवस’ मुहिम के बाद शहर में तीन दिन तक शानदार आयोजन हुए। उनको शहरवासी आज भी याद करते हैं। हालांकि राजस्थान पत्रिका ने 2018 के बाद कभी जड़ा तालाब के घाटों पर तो कभी बख्तासागर तालाब परिसर में दीपदान सहित घरों में रंगाेली सजाने जैसे कार्यक्रम करवाए, लेकिन बड़े स्तर पर कार्यक्रम नहीं हो पाए। इसे लेकर शहर के प्रमुख नागरिकों ने मांग रखी कि नागौर पुराना शहर है, इसके बाद बसे शहरों के स्थापना धूमधाम से मनाए जाते हैं, इसलिए नागौर का स्थापना दिवस भी धूमधाम से मनाया जाना चाहिए।
कमेटी बने और जिम्मा संभाले मंगलवार को कन्या महाविद्यालय में समाजसेवी भोजराज सारस्वत, हरिराम धारणिया, पद्मश्री हिम्मताराम भांभू, पार्षद नवरतन बोथरा, शिवशंकर व्यास, कुलदीप पारीक, प्रमिल नाहटा, सुखराम चौधरी, दिलीप पित्ती, रिछपाल जाखड़, स्वरूप देहरा, सुरेश कुमार टाक आदि ने बैठक कर नागौर स्थापना दिवस समारोह को लेकर चर्चा की। इस दौरान सभी ने सुझाव दिए। सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर 29 अप्रेल को गांधी चौक में सांस्कृतिक कार्यक्रम में ख्यातनाम कलाकारों को बुलाया जाए। अहिछत्रगढ़ किले में भगवान गणेश की पूजा , मुख्य गेट पर ध्वजारोहण के साथ शहर के प्रमुख चौराहों की सजावट की जाए।
कलक्टर -एडीएम से हुई चर्चा अतिरिक्त जिला कलक्टर चम्पालाल जीनगर को शहरवासियों ने बताया कि पूर्व संध्या पर गांधी चौक में नगर परिषद की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाए जाएं तथा स्थापना दिवस पर बंशीवाला मंदिर में भजन संध्या हो, जिसमें बड़े गायक कलाकार को बुलाया जाए।