जलापूर्ति की स्थिति दयनीय
राज्य के कई दूरदराज क्षेत्रों में जलापूर्ति की स्थिति अब भी दयनीय है। आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। जलजीवन मिशन के तहत पानी की समस्याओं का समाधान अपेक्षित था, लेकिन योजना में प्रगति की मंद गति के कारण केंद्रों में जल संकट और बढऩे की आशंका है। राज्य सरकार को समस्या को शीघ्र सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, जिससे मिशन का उद्देश्य पूरी तरह से सफल हो सके और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पीने के लिए साफ और पर्याप्त पानी मिल पाएयहां पर स्थिति अच्छीराजस्थान के कुछ जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों में जलापूर्ति की स्थिति बेहतर है। जैसे अनूपगढ़ में 100 प्रतिशत केंद्रों में नल से जल पहुंच रहा है। इसी तरह डीडवाना-कुचामन, बारां और चूरू जैसे जिले भी आंगनबाडिय़ों में पानी पहुंचाने का काम संतोषजनक है।
इन जिलों में हालात ठीक नहीं
राज्य के कुछ जिलों में जलापूर्ति की स्थिति बहुत खराब है। जिसमें नागौर, अजमेर, उदयपुर, बाड़मेर, जयपुर और जोधपुर की स्थिति बेहद चिंता का विषय है। जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम आंगनबाड़ी केंद्रों में जलापूर्ति उपलब्ध है। जिलों के केंद्रों तक नल से जल पहुंचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। जिससे गर्मी के मौसम में बच्चों को पेयजल मिल सकें। समस्याएं और प्रभाव स्वास्थ्य संकट: पानी की कमी के कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। शिक्षा पर असर: बच्चों को पानी नहीं मिलने से शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
महिलाओं की परेशानी: केंद्रों में पानी की कमी के कारण महिलाओं को भी परेशानी होती है, जो बच्चों के पानी लाने की जिम्मेदारी निभाती हैं।
प्रयास चल रहे हैं
जल जीवन मिशन के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल आपूर्ति पहुंचाने का कार्य चल रहा हैै। कई गांव ऐसे हैं, जो अभी इस योजना से जुड़े नहीं हैं, इसलिए ज्यादातर आंगनबाड़ी केन्द्र नल से नहीं जुड़ पाए हैं। वैसे पानी की व्यवस्था सब जगह कर रखी है। दुर्गासिंह उदावत, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, नागौर