विभागीय सूत्रों के अनुसार बोर्ड के पास स्टाफ नहीं है, जबकि काम का बोझ पहले से डबल कर दिया है, ऐसे में निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं होती और ठेकेदार मनमर्जी से लीपापोती कर देते हैं। इसका ताजा उदाहरण मूण्डवा पंचायत समिति के खुड़खुड़ा खुर्द गांव में गत वर्ष कृषि मंडी की ओर से स्वीकृत सीसी सड़क है, जिसका निर्माण कृषि विपणन बोर्ड ने दो अलग-अलग ठेकेदारों से करवाया। हालांकि अभी सड़क का उद्घाटन नहीं हआ है, उससे पहले सड़क उखड़ने लगी है। ठेकेदार ने नियमानुसार काम भी पूरा नहीं किया। न तो सड़क के दोनों तरफ पटरियां बनाई और न ही सड़क पर डाली गई मिट्टी को हटवाया। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर मिट्टी हटवाई। इससे पहले जिला मुख्यालय पर कृषि उपज मंडी में बनाए गए पश्चिमी द्वार की निर्माण की छत गिर गई , इस हादसे में मजदूर गंभीर घायल हो गए थे। बोर्ड की ओर से जिले में करवाए गए ऐसे कई निर्माण कार्य हैं, जिनकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
दो जिलों में मात्र दो जेईएन, कैसे होगी मॉनिटरिंग गौरतलब है कि राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड का मूल काम कृषि, कृषि विपणन, मंडियों का ढांचा सुधार व सम्पर्क सड़कें बनाना था। इसके साथ पशुपालन विभाग में ग्रामीण क्षेत्र में अस्पताल आदि बनाने का काम भी था, लेकिन पिछले कुछ सालों से बोर्ड पर अतिरिक्त काम का बोझ डाल दिया है। इसमें अल्पसंख्यक विभाग, रोडवेज, चिकित्सा विभाग के काम भी दे दिए हैं। ऐसे में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बिगड़ रही है। सूत्रों के अनुसार दो जेईएन के जिम्मे नागौर व डीडवाना-कुचामन जिलों का काम है, ऐसे में गुणवत्तापूर्ण काम कैसे होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बोर्ड को मूल काम ही दिया जाना चाहिए।
जल्द भरे जाएंगे पद राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड में रिक्त पदों को भरने के लिए प्रक्रिया चल रही है। कुछ अधिकारी के पद हाल ही भरे गए हैं। निर्माण कार्य में यदि कहीं अनियमितता है तो उसकी जांच करवाएंगे।
– राजेश चौहान, प्रशासक, राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड।