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नरसिंहपुर

सरकारी स्कूल की हालत खस्ता, किचन शेड के नीचे पढ़ने को मजबूर छात्र

government school: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के रोसारी गांव का सरकारी स्कूल जर्जर हो गया है। यहां बच्चे किचन शेड में पढ़ने को मजबूर हैं।

नरसिंहपुरMar 09, 2025 / 10:06 am

Akash Dewani

children are forced to study in the kitchen shed in government school of Narsinghpur in Madhya Pradesh
government school: मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाला एक मामला सामने आया है। यहां गोटेगांव क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिरकोना के रॉसरी गांव में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। भवन की जर्जर स्थिति के चलते बच्चों को अब किचन शेड में बैठाकर पढ़ाई कराई जा रही है। यह किचन शेड उस समूह के उपयोग में नहीं आता, जो बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बनाता है। इसलिए यह खाली पड़ा था, और इसी का सहारा अब शिक्षा के लिए लिया जा रहा है। बच्चों का मध्यान्ह भोजन सिरकोना समूह से लाकर दिया जाता है।

भवन जर्जर, बच्चों की संख्या प्रभावित

स्कूल के शिक्षक के अनुसार, भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे किसी भी अनहोनी की आशंका बनी रहती है। इसी कारण बच्चों को किचन शेड में बैठाकर पढ़ाई कराई जा रही है। यहां पर स्कूल का अन्य सामान भी रखा हुआ है, जिससे पढ़ाई का माहौल भी बाधित होता है। फिलहाल, स्कूल में सिर्फ 10 छात्र हैं, लेकिन उचित व्यवस्था न होने के कारण नए प्रवेश नहीं हो रहे हैं और बच्चों की संख्या बढ़ नहीं पा रही है।
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विभाग को दी जा चुकी है जानकारी

शिक्षक ने बताया कि गांव में एक सामुदायिक भवन स्कूल से कुछ दूरी पर बनाया गया है, जहां कुछ समय तक बच्चों को बैठाया गया था। लेकिन वहां अन्य कार्यक्रम होने के कारण बच्चों को बार-बार हटाना पड़ता था। साथ ही, वह भवन सड़क के उस पार स्थित है, जिससे बच्चों को पेयजल और शौचालय के लिए पुराने स्कूल भवन तक आना पड़ता था। इससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती थी। इस कारण अब बच्चों को किचन शेड में ही बैठाने का फैसला लिया गया है। शिक्षक ने यह भी बताया कि स्कूल भवन की क्षतिग्रस्त स्थिति की जानकारी सभी संबंधित अधिकारियों को लिखित रूप में दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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कहीं एक-दो बच्चे, कहीं बड़े भवन

गोटेगांव जनशिक्षा विभाग के अंतर्गत कई ऐसे सरकारी प्राथमिक स्कूल हैं, जहां बच्चों की संख्या केवल एक या दो है, लेकिन वहां बड़े और अच्छे भवन मौजूद हैं। वहीं, रॉसरी गांव जैसे स्थानों पर, जहां सरकारी स्कूल पर ही पूरी तरह से निर्भरता है और बच्चों की संख्या पर्याप्त है, वहां उन्हें जर्जर भवन में पढ़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों और शिक्षकों का कहना है कि रॉसरी गांव में सरकारी स्कूल भवन का जल्द से जल्द निर्माण कराया जाए, ताकि बच्चों को सुरक्षित और बेहतर शिक्षा का माहौल मिल सके। प्रशासन को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो और बच्चों की शिक्षा बाधित न रहे।

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