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नरसिंहपुर

नर्मदा के गूंजे जयकारे, दीपों से रोशन हुए तट

जिले भर में मां नर्मदा के प्रकटोत्सव पर भक्तों के उल्हास से सभी नर्मदा तटों पर उत्सवी माहौल रहा। पुण्य सलिला मां नर्मदा का पूजन करने दो दिन पूर्व से ही लोगों के आने का जो क्रम शुरू हुआ वह मंगलवार की देर शाम तक बना रहा। घरों से नर्मदा तटों की ओर चुनरी लेकर पैदल एवं वाहनों से निकले श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण एनएच-44 पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही। श्रद्धालुओं के स्वागत-सत्कार के लिए पग-पग पर भंडारे चलते रहे। बरमान-सतधारा में सर्वाधिक लोगों की भीड़ से यहां दोपहर से देर शाम तक मोबाइल नेटवर्क ठप रहा।

नरसिंहपुरFeb 05, 2025 / 08:26 pm

brajesh tiwari

नरसिंहपुर. जिले की सुख-समृद्धि का आधार पुण्य सलिला के प्रकटोत्सव पर मंगलवार को सर्वत्र भक्ति और आस्था मंगल महोत्सव रहा। मां नर्मदा का पूजन-अर्चन और चुनरी अर्पित करने के लिए दो दिन से घाटों की तरफ जाने निकले श्रद्धालुओं का सैलाब मंगलवार की शाम तक चलता रहा। जिले का ऐसा कोई घाट नहीं रहा जहां श्रद्धालुओं का मेला न लगा हो। जिले के प्रमुख तीर्थक्षेत्र बरमान के सीढ़ीघाट, रेतघाट, सतधारा क्षेत्र में करीब ढाई लाख श्रद्धालुओं ने नर्मदा का जय-जयकार करते हुए स्नान, पूजन कर दीपदान किया। दीपों की झिलमिल रोशनी से नर्मदा के दोनों तट दमकते रहे और हर तरफ भक्ति गीत गुंजायमान रहे।
जिले भर में मां नर्मदा के प्रकटोत्सव पर भक्तों के उल्हास से सभी नर्मदा तटों पर उत्सवी माहौल रहा। पुण्य सलिला मां नर्मदा का पूजन करने दो दिन पूर्व से ही लोगों के आने का जो क्रम शुरू हुआ वह मंगलवार की देर शाम तक बना रहा। घरों से नर्मदा तटों की ओर चुनरी लेकर पैदल एवं वाहनों से निकले श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण एनएच-44 पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही। श्रद्धालुओं के स्वागत-सत्कार के लिए पग-पग पर भंडारे चलते रहे। बरमान-सतधारा में सर्वाधिक लोगों की भीड़ से यहां दोपहर से देर शाम तक मोबाइल नेटवर्क ठप रहा।
सतधारा के हरिहर आश्रम में पूजन-दीपदान-सतधारा में जहां दोनों पुलों के आसपास, सूर्यकुंड घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। वहीं यहां स्थित हरिहर आश्रम में भी दिनभर भंडारा चलता रहा। घाट पर भंडारा के पूर्व नर्मदाजी का पूजन कर भोग अर्पित किया गया। शाम को यहां दीपदान किया गया, सतधारा क्षेत्र में देर शाम तक भीड़ बनी रही।
चिनकी-महादेव पिपरिया घाट पर भी रही भीड़-नगर से नर्मदा के चिनकी घाट, महादेव पिपरिया घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण मार्ग पर दिनभर यातायात प्रभावित रहा। लोगों ने भक्तिभाव के साथ नर्मदाजी के लिए चुनरी बांधी और प्रसाद बांटा।
यातायात नियंत्रित रखने जगह-जगह लगाए बेरीके्रड्स-नर्मदा तटों के साथ ही हाइवे और घाटों को जोडऩे वाले मार्गों पर बनी लोगों की भीड़ के दौरान यातायात को सुचारू रखने पुलिस बल को भी खासी मशक्कत करना पड़ी। डोकरघाट दादा महाराज से लेकर झिराघाटी तक हाइवे क्रमांक 44 पर पुलिस जगह-जगह तैनात रही। हाइवे से घाटों को जाने वाले रूट के चौराहों पर बेरीकेङ्क्षडग के जरिए वाहनों के गति कम की गई और लोगों को निकाला गया। वहीं ङ्क्षलगा चौराहा, बरमान खुर्द तिराहा, मिढ़ली चौराहा, चांवरपाठा तिराहा पर पुलिस बल तैनात रहा। जगह-जगह बेरीकेड लगाए गए ताकि वाहनों को धीमी गति से निकाला जा सके और किसी तरह की अप्रिय स्थिति न बने। वहीं विद्युत कंपनी का अमला भी बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने में जुटा रहा।
सुबह से शाम तक चलती रही पेट्रोङ्क्षलग-जिले के सभी प्रमुख तटों पर होमगार्ड-एसडीआरएफ की टीम की पेट्रोङ्क्षलग दिनभर चलती रही। दल के साथ लाइफ जैकिट के साथ घाट पर तैनात रहे। स्थानीय नाविकों और गोताखोरोको भी सतर्क किया जाता रहा। भीड़ के दौरान एनाउंस के जरिए लोगों को भी सावधान किया जाता रहा।
नेटवर्क की खामी से बढ़ी लोगों की मुश्किलें-घाट पर भीड़ की अधिकता से हर बार की तरह इस बार भी मोबाइल-इंटरनेट सेवाओं ने दम तोड़ दिया। जिससे लोगों के न तो कॉल्स लगे और न ही भीड़ में बिछड़े अपने लोगों से संपर्क हो सका। घाट की सुंदरता को मोबाइल कैमरे में कैद करने के बाद अपनों तक फोटो-वीडियो भेजने लोग घंटो प्रयास करते रहे लेकिन जब असफल रहे तो फिर मोबाइल बंद कर जेब में रख लिए। हालत यह रही कि स्थानीय लोगों को भी घरों में रहते हुए फोन कॉल्स करना मुश्किल रहा।
भजन-संकीर्तन करते निकली टोलियां
भक्ति का उत्सव ऐसा रहा कि क्या खास क्या आम हर वर्ग के महिला-पुरुष, बच्चे, युवा भजन-संकीर्तन करते हुए पैदल चुनरी, मां नर्मदा की झांकी निकालते हुए नगरीय-ग्रामीण क्षेत्रों से तटों पर पहुंचे। सर्वत्र धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूमधाम रही। चुनरी, ध्वज लेकर भक्तों की टोली भजन-संकीर्तन करते हुए शाम तक नर्मदा तट पहुंचती रही। बरमान-सतधारा में जिले के अलावा सागर, रायसेन, दमोह, ङ्क्षछदवाड़ा, सिवनी आदि जिलो से भी लोग पहुंचे और नर्मदाजी का पूजन कर दीपदान किया।
नर्मदाष्टक व भक्तिगीत गूंजे
नर्मदा तटों पर भक्तिगीतों के साथ ही साउंड सिस्टम के जरिए गूंजती नर्मदाष्टक की स्वर लहरियों से माहौल पूरी तरह भक्तिमय रहा। सागर, दमोह जिले से बहुतेरे श्रद्धालु पारंपरिक बंबुलियां गाते हुए घाट पहुंचे और वहां भी पूजन करने के पूर्व टिमकी-ढोलक, मृदंग के साथ पारंपरिक भक्ति गीत गाए।
जिले भर में एक हजार से अधिक भंडारे
मां नर्मदा का पूजन करने आए श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए जिले भर में एक हजार से अधिक स्थानों पर भंडारे चलते रहे। जिसमें हलवा, पूड़ी, खीर, फल, फलाहारी सामग्री, चाय, पानी, खिचड़ी आदि सामग्री का वितरण देर शाम तक चलता रहा। जिनमें प्रसाद लेने के लिए भी श्रद्धालुओं की खासी भीड़ बनी रही। जिले में भंडारो के यह दौर बीते सोमवार से ही शुरू हो गया था। जिले के तीनों हाइवे, स्टेट हाइवे, क्षेत्रीय सडक़ों पर जगह-जगह लोग तंबू, स्टॉल लगाए श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर दिखे। पैदल यात्रा कर नर्मदा तटों पर जाने वाले श्रद्धालु भंडारों में प्रसाद लेते हुए आगे बढ़े। अधिकांश भंडारे हाइवे के किनारे ही लगने से यहां वाहनों सहित श्रद्धालुओं के रुकने के कारण हाइवे के यातायात पर भी असर रहा।
५१ से १००० फीट की चुनरी
श्रद्धालु अपनी-अपनी आस्था, कामना और सामथ्र्य के अनुसार मां नर्मदा को चुनरी अर्पित करने लाए। कोई 51 तो 151, 251 तो कोई 500 और हजार मीटर लंबी चुनरी लेकर भी पहुंचा। जिन्होंने नाविकों की मदद से नर्मदा के सीढ़ी घाट से लेकर दीपेश्वर-रेत घाट तक नर्मदा की धार के ऊपर चुनरी बांधी, पूजन किया।

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