निजी क्षेत्र में यूक्रेन को अमरीका की तरफ से मदद दी जानी चाहिए, जिसे कि वह वापस खड़ा हो सके। वह अन्य देशों की तरह अपनी अर्थव्यवस्था सही कर सके वहां के लोग बिजनेस वापस से कर सके व अन्य देशों से संपर्क कर सकें। अमरीका को यूक्रेन को आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए। – मुकेश सोनी, जयपुर
अमरीका सिर्फ दुनिया के कमजोर देशों और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का सामना करने वाले देशों को कठपुतली की तरह इस्तेमाल करता है। यहां भी वह कीमती खनिजों को जब्त करना चाहता है। दूसरी ओर ऐसा लगता है कि ट्रंप में दुनिया को रचनात्मक क्रम में ले जाने का स्वभाव नहीं है। – हरेन्द्र शर्मा, जयपुर
यूक्रेन को लेकर अमरीकी रुख को देखकर यही आभास हो रहा है कि अमरीका के डीएनए में जो वर्चस्व की भावना है व सामने वाले देश को दास मानने की मानसिकता है वह कहीं ना कहीं रेखांकित हो रही है। अमरीका की गिद्ध नजर यूक्रेन की खनिज खदानों पर है। वह उन पर अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहता है। यह सर्व विदित है कि अमरीका अपने हित साधता है। – संध्या रामकृष्ण बायवार, इंदौर
यूक्रेन रूस युद्ध में अमरीका का पाला बदलने का खेल साफ दिखाई दे रहा है.। हम बचपन मे सुनी दो बिल्लियों और बंदर की उस कहानी को चरितार्थ होते देख रहे है जिसमें बंदर रोटी को बराबर बांटकर बिल्लियो के झगड़े को सुलझाने के बहाने रोटी को हड़प जाता है, वही आज अमरीका यूक्रेन के साथ कर रहा है। उसकी नजर यूक्रेन की खनिज सम्पदा पर है और वह उसे यूक्रेन से हर हाल में लेना चाहेगा। यूक्रेन दो बड़े देशों की लड़ाई में बुरी तरह फंस चुका है। अमरीका और यूरोप दोनों उसको इस्तेमाल कर रहे हैं। – जयश्री वैष्णव, उदयपुर