jammu kashmir : पीओके को पुनः प्राप्त करने की प्रतिबद्धता
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में पीओके को पुनः प्राप्त करने की प्रतिबद्धता से नए सिरे से जोश हासिल हुआ है। मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने भारत की क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए लगातार कड़े कदम उठाये हैं। भाजपा ने बार-बार दोहराया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले अन्य क्षेत्रों सहित जम्मू और कश्मीर कानून, इतिहास और लोगों की इच्छा के अनुसार भारत का है। उन्होंने जोर दिया कि पीओके भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा और भाजपा तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक पीओके को आजाद नहीं करा लिया जाता। -ये भी पढ़ें-
jammu kashmir : जम्मू-कश्मीर में शराबबंदी की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू भारत हमेशा शांति चाहता है
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा पाकिस्तान के साथ शांति चाहता था, लेकिन उसने हमेशा पीठ में छुरा घोंपा, संघर्ष विराम समझौतों का उल्लंघन किया और क्षेत्र में आतंकवाद और अस्थिरता को बढ़ावा दिया। फरवरी 2019 का पुलवामा आतंकी हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों के प्रायोजित आक्रामकता का एक ज़बरदस्त कृत्य था। जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार सर्जिकल स्ट्राइक किए, जो आतंकवाद और सीमा पार से होने वाली किसी भी कार्रवाई का मुकाबला करने के भारत के संकल्प को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सफल बालाकोट हवाई हमलों ने एक मजबूत संदेश दिया कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और पाकिस्तान की ओर से उत्पन्न खतरों का निर्णायक रूप से जवाब देने में संकोच नहीं करेगा।
पाकिस्तान वैश्विक मंच पर अलग-थलग
शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद को पनाह देने में पाकिस्तान की भूमिका को पहचानने के लिए राजी कर लिया है, जिससे वह वैश्विक मंच पर और अलग-थलग पड़ गया है। मोदी नीत केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और भारतीय संघ में उनका उचित स्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस मौके पर महासचिव डॉ. देविंदर कुमार मन्याल, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता, मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी, प्रवक्ता अरुण गुप्ता और वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चिब भी मौजूद रहे।