सम्पादकीय : सपनों की चाह में कानून-कायदों की चिंता जरूरी
अवैध प्रवासियों को लेकर अमरीका में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने जिस तरह का सख्त रवैया अपना रखा है उससे इस चाहत से अमरीका में अवैध तौर पर पहुंचे भारतीयों के सामने भी संकट कम नहीं है।


भारत में अमरीकी दूतावास ने चेतावनी दी है कि गैर कानूनी तरीके से अमरीका में प्रवेश करने या वीजा का दुरुपयोग करने वाले भारतीयों पर सख्ती कार्रवाई की जाएगी। इनमें हिरासत में रखने, देश से निकाले जाने व भविष्य में वीजा जारी नहीं करने जैसी सख्ती शामिल है। हालांकि यह चेतावनी अमरीका के उस कदम का ही हिस्सा है जिसमें वह अपने यहां अवैध तौर पर रह रहे लोगों को निकालने का काम कर रहा है। इस चेतावनी का एक पक्ष यह भी है कि अमरीका का रुख करने वाले भारतीयों में हजारों अब भी अपने ‘अमरीकी ड्रीम’ को साकार करने के लिए वहां के कानून-कायदों को लेकर भी बेपरवाह हैं। जाहिर है, बेहतर जीवनशैली, आर्थिक मजबूती और और कॅरियर के अवसरों की उम्मीद में यह सब हो रहा है।
अवैध प्रवासियों को लेकर अमरीका में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने जिस तरह का सख्त रवैया अपना रखा है उससे इस चाहत से अमरीका में अवैध तौर पर पहुंचे भारतीयों के सामने भी संकट कम नहीं है। चिंता इस बात की भी है कि ऐसे भारतीयों की वजह से भारत की छवि पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। बेहतरी के लिए विदेश का सपना संजोने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इसके लिए नियम विरुद्ध तरीके अपनाना तो खुद को जोखिम में डालने जैसा ही है। पिछले दिनों भारत से गए ऐसे लोगों के प्रति अमरीकी अधिकारियों की क्रूरता के उदाहरण भी सामने आए हैं। इसी वर्ष जनवरी से अब तक 1080 भारतीय नागरिकों को अमरीका से वापस भेजा जा चुका है। सख्ती का दौर और बढऩे वाला है, जाहिर है अमरीका में रहने का ख्वाब भी अब आसान नहीं रहने वाला। उन भारतीयों के लिए भी जो वैध प्रक्रिया के जरिए अमरीका में रहने के इच्छुक हैं। पिछले दिनों ही सोशल मीडिया पर एक अमरीकन महिला क्रिस्टन फिशर की वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उसने अमरीका में औसत जीवन जीने के बजाए भारत में असाधारण जीवन को चुना। चार साल पहले अमरीका से परिवार सहित भारत आई इस महिला ने बताया कि किस तरह से भारतीय जीवन शैली ने उसे इस तरह बदल दिया जिसकी कभी कल्पना तक नहीं की थी। जाहिर है सुख-सुविधा वाली जिंदगी से जुड़े ‘अमरीकन ड्रीम’ में खोखलापन भी कम नहीं है।
पिछले सालों में भारत ने हर मोर्चे पर प्रगति की है। यह भी गौरव का विषय है कि अमरीका समेत दुनिया के दूसरे देशों में भारतीय अपनी कार्यक्षमता की धाक जमा रहे हैं। संतोष इस बात का भी है कि हमारे देश से धीरे-धीरे प्रतिभा पलायन भी कम होने लगा है। देश में रहकर देश के लिए काम करने में अलग ही गौरव की अनुभूति होती है यह सबको समझना होगा। खास तौर से उनको जो गैर कानूनी तरीकों से दूसरे देश में बसने का सपना देखते हैं और बाद में कानूनी शिकंजे में फंसकर अपने देश को भी बदनाम करते हैं।
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