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स्वर्ण पदक विजेता कबड्डी खिलाड़ी की कुत्ते के काटने से हुई मौत, वीडियो आया सामने

Brijesh Solanki: उत्तर प्रदेश के कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की कुत्ते के काटने की वजह से मौत हो गई है।

भारतJul 02, 2025 / 06:29 pm

satyabrat tripathi

Brijesh Solanki

Brijesh Solanki (Photo Credit- X)

Brijesh Solanki Death: उत्तर प्रदेश के कबड्डी खिलाड़ी बृजेश सोलंकी की कुत्ते के काटने की वजह से मौत हो गई है। कबड्डी खिलाड़ी ने नाली में फंसे कुत्ते को बचाया था, उसी दौरान उसने उन्हें काट लिया था, जिसे उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया था। एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लेने की वजह से उन्हें रेबीज नामक बीमारी हो गई और 27 जून की सुबह उनकी मौत हो गई।

डॉक्टरों ने रेबीज की पुष्टि की

दरअसल, बृजेश सोलंकी ने मार्च में नाली में गिरे कुत्ते की जान बचाई थी। हालांकि जिस वक्त वह उसे नाली से निकाल रहे थे, उस दौरान कुत्ते ने उन्हें दाएं हाथ की अंगुली में काट लिया था। बृजेश ने उस वक्त लापरवाही की और एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगाया था। लेकिन 26 जून की सुबह वह सोकर उठे तो उनकी हालत बिगड़ गई।
आनन-फानन में परिवार के लोगों ने उन्हें अलीगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। यहां भी राहत नहीं मिलने पर उन्हें मथुरा के आयुर्वेदिक दवा केंद्र पर ले जाया गया, लेकिन यहां भी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। ऐसे में बृजेश को दिल्ली स्थित जीटीबी अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर्स ने रेबीज की पुष्टि करते हुए जवाब दे दिया। उन्हें 27 जून को घर ले जाया जा रहा था कि उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया।
बुलंदशहर के बृजेश सोलंकी उत्तर प्रदेश के होनहार कबड्डी प्लेयर थे, जिन्होंने प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा वो कई प्रतियोगिता में मेडल जीत चुके हैं। वह प्रो कबड्डी लीग 2026 की तैयारी कर रहे थे।

रेबीज और उसके लक्षण

रेबीज मुख्य रूप से कुत्तों, चमगादड़ों या बंदरों के काटने से होती है, जोकि एक जालेवा बीमारी है। न्यूरोट्रॉपिक वायरस मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं। शुरुआत में बुखार, सिरदर्द और काटने की जगह पर झनझनाहट होती है। बाद में पानी से डर, लार बढ़ना, मांसपेशियों में ऐंठन, भ्रम और कोमा जैसे गंभीर लक्षण दिखने लगते हैं। इसके लक्षण दिखने में एक से 3 महीने लग जाते हैं। यह अवधि एक सप्ताह से एक वर्ष तक हो सकती है। यदि एक बार ये लक्षण दिखने शुरू हो जाएं तो इसका इलाज असंभव हो जाता है।

टीकाकरण का समय

कुत्ते के काटने के बाद एंटी-रेबीज वैक्सीन 24 घंटे के भीतर लगवाना चाहिए। सामान्य तौर पर चार खुराक का कोर्स होता है, जो काटने के दिन, तीसरे, 7वें और 14वें दिन दी जाती है। गंभीर मामलों में रेबीज इम्यून ग्लोबुलिन दिया जाता है।

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