28 जनवरी को संगम स्नान के लिए गए थे खूंटी गुरु
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता अभय अवस्थी ने बताया कि खूंटी गुरु का परिवार में कोई नहीं है। 28 जनवरी को वे संगम स्नान के लिए गए थे, लेकिन भगदड़ के बाद लापता हो गए। कई दिनों तक उनका कोई पता न चलने पर मोहल्ले वालों ने उन्हें मृत मान लिया और प्रतीकात्मक तेरहवीं की योजना बना ली। तेरहवीं में 13 ब्राह्मणों को भोज कराने की तैयारी हो रही थी, तभी खूंटी गुरु अचानक ई-रिक्शा से उतरकर घर पहुंच गए। उन्हें देखकर सभी भौचक्के रह गए, और तेरहवीं का कार्यक्रम तुरंत रद्द कर दिया गया। अभय अवस्थी ने सोशल मीडिया पर इस घटना को साझा करते हुए बताया कि खूंटी गुरु अकेले रहते हैं और जीरो रोड बस अड्डे के सामने दोनों वक्त भोजन और नाश्ता करते हैं। परिवार में कोई और सदस्य न होने के कारण मोहल्ले के लोग ही उनकी मदद करते हैं। उनकी वापसी से पूरे क्षेत्र में राहत और खुशी का माहौल है।
36 घंटे बाद भी नहीं मिले संगम में डूबे दो श्रद्धालु
माघी पूर्णिमा से एक दिन पहले, मंगलवार दोपहर संगम में डूबे दो श्रद्धालुओं का 36 घंटे बाद भी कोई पता नहीं चल सका है। उत्तराखंड के देहरादून से आए ये श्रद्धालु संगम स्नान के बाद नाव में सवार होते समय पानी में गिर गए थे। जल पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवानों ने बुधवार को घंटों सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली। हादसे के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना में उत्तराखंड के देहरादून के एक ही परिवार के छह सदस्य और बेंगलुरु के एक परिवार के तीन लोग मंगलवार दोपहर बोट क्लब से एक ही नाव में सवार होकर संगम नोज श्यामसुंदर घाट पहुंचे थे। स्नान के बाद जब वे वापस नाव पर चढ़ रहे थे, तभी अचानक नाव पलट गई, जिससे दो श्रद्धालु डूब गए। तलाश जारी है, लेकिन अब तक कोई सुराग नहीं मिला है।