Wasim Rizvi News: सनातन धर्म अपनाने वालों को देंगे 3 हजार रुपए महीना बोले – जितेंद्र सिंह
Wasim Rizvi statement: महाकुंभ में संगम स्नान कर बोले जितेंद्र सिंह – बनाएंगे नया संगठन। इस्लाम छोड़कर सनातन अपनाने वालों को मिलेगी आर्थिक सहायता और रोजगार। धार्मिक बदलाव के साथ सामाजिक और आर्थिक सहयोग की पहल।
सनातन धर्म में वापसी करने वालों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह देने की योजना
Wasim Rizvi Sanatan Supporter: महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर पूर्व वसीम रिजवी जो अब जितेंद्र सिंह के नाम से जाने जाते हैं, ने संगम में डुबकी लगाई और सनातन धर्म अपनाने वालों के लिए एक नई घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनका संगठन उन लोगों को हर महीने 3 हजार रुपए की आर्थिक मदद देगा जो इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाएंगे। इसके अलावा, ऐसे लोगों को रोजगार दिलाने में भी सहायता दी जाएगी।
महाकुंभ के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में जितेंद्र सिंह ने अपने इस नए संगठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह संगठन विशेष रूप से उन लोगों के लिए काम करेगा जो इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म में वापस आना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक कारणों से ऐसा करने में संकोच कर रहे हैं। उनका कहना था कि धर्म परिवर्तन के बाद कई लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसलिए उनका संगठन न केवल उन्हें मासिक आर्थिक सहायता देगा बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यवसाय शुरू करने में भी मदद करेगा।
सनातन धर्म की ओर बढ़ती आस्था
जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने स्वयं इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपनाया और अब अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करना चाहते हैं। उनका मानना है कि सनातन धर्म ही मानवता का सबसे प्राचीन और सत्य धर्म है। उन्होंने कहा, “आज मैंने महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई और संकल्प लिया कि जो भी व्यक्ति सनातन धर्म की शरण में आएगा, उसे हमारी पूरी सहायता मिलेगी। हम केवल धार्मिक रूप से नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से भी उनका समर्थन करेंगे।”
संगठन की कार्यप्रणाली और सहायता योजना
जितेंद्र सिंह ने बताया कि उनका संगठन पूरे देश में उन लोगों की पहचान करेगा जो इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म में आना चाहते हैं। इसके लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे और निम्नलिखित सुविधाएं दी जाएंगी:
3 हजार रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता
व्यापार और रोजगार दिलाने में सहायता
सनातन धर्म की शिक्षा और धार्मिक अनुष्ठानों का प्रशिक्षण
समाज में पुनः स्थापित करने के लिए सहयोग
कानूनी और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना
पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं जितेंद्र सिंह (पूर्व वसीम रिजवी)
वसीम रिजवी जो शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, इस्लामिक कट्टरपंथ के खिलाफ अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने इस्लाम से सनातन धर्म अपनाने के बाद अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया था।
उन्होंने कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिससे मुस्लिम समाज में उनकी कड़ी आलोचना हुई थी। इसके बाद उन्होंने सनातन धर्म की दीक्षा ली और हिंदू धर्म को अपनाने की घोषणा की।
महाकुंभ में संगम स्नान के दौरान जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने सनातन धर्म अपनाकर खुद को मुक्त महसूस किया है। उन्होंने कहा कि उनके संगठन का उद्देश्य धर्म परिवर्तन करवाना नहीं, बल्कि जो लोग स्वेच्छा से सनातन धर्म अपनाना चाहते हैं, उन्हें सहयोग देना है। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य किसी पर कोई दबाव बनाना नहीं है। हम केवल उन्हें सहायता देंगे जो खुद अपने मन से सनातन धर्म को अपनाना चाहते हैं।”
सोशल मीडिया पर चर्चा में आया बयान
जितेंद्र सिंह का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कुछ लोग इसे सनातन धर्म के प्रचार का एक नया तरीका मान रहे हैं, तो कुछ इसे धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति से जोड़ रहे हैं। हालांकि उनके समर्थकों का कहना है कि यह एक स्वतंत्र पहल है और इसका उद्देश्य केवल उन लोगों की मदद करना है जो सनातन धर्म अपनाना चाहते हैं।
भारत में धर्म परिवर्तन एक संवेदनशील मुद्दा है। संविधान के तहत हर नागरिक को अपना धर्म चुनने की स्वतंत्रता है, लेकिन कई राज्यों में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं। यदि जितेंद्र सिंह का संगठन आर्थिक सहायता के माध्यम से धर्म परिवर्तन को प्रोत्साहित करता है, तो यह कानूनी विवादों में घिर सकता है।
हालांकि जितेंद्र सिंह का कहना है कि उनका संगठन किसी पर कोई दबाव नहीं बनाएगा और केवल उन्हीं की मदद करेगा जो खुद से सनातन धर्म अपनाना चाहते हैं।
क्या कहते हैं धार्मिक गुरु?
महाकुंभ में मौजूद कई साधु-संतों ने जितेंद्र सिंह की इस पहल का समर्थन किया है। अखाड़ा परिषद के संतों ने कहा कि यदि कोई सनातन धर्म में वापसी करना चाहता है, तो उसे समर्थन मिलना चाहिए। हालांकि कुछ अन्य धार्मिक संगठनों ने इस पहल पर सवाल उठाए हैं और कहा कि धर्म परिवर्तन के बदले आर्थिक सहायता देना नैतिक रूप से उचित नहीं है।
महाकुंभ में स्नान के बाद जितेंद्र सिंह (पूर्व वसीम रिजवी) के इस बयान ने नए विवाद को जन्म दिया है। जहां कुछ लोग इसे सनातन धर्म में घर वापसी का समर्थन मान रहे हैं, वहीं कुछ इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का एक और प्रयास कह रहे हैं। अब देखना यह होगा कि उनका संगठन इस योजना को कानूनी रूप से कैसे लागू करता है और समाज में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।