यह भी पढ़ें:
CBI Raid Update News: पूर्व CM बघेल के घर CBI की जांच जारी, गाड़ियों की ली गई तलाशी, देखें VIDEO यह कार्रवाई
महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी के साथ ही पैनल ऑपरेटरों की जांच के दौरान मिले इनपुट के आधार पर की गई है। छापे की यह कार्रवाई सीबीआई की 50 सदस्यीय टीम द्वारा की गई है। बताया जाता है कि तलाशी के दौरान उक्त सभी लोगों के ठिकानों से डिजीटल एविडेंस और दस्तावेजी साक्ष्य बरामद हुए है। इस समय उक्त सभी के ठिकानों में तलाशी की कार्रवाई चल रही है।
संरक्षण देने के लिए वसूली सीबीआई ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ, रवि और शुभम दुबई में रहकर अपना कारोबार चला रहे थे। इसके संचालन के लिए लोक सेवकों को सुरक्षा राशि (प्रोटेक्शन मॅनी) के रूप में हर महीने करोड़ो रुपए दिया जा रहा था। इसकी जांच ईडी के बाद ईओडब्ल्यू द्वारा की गई। बाद में राज्य सरकार द्वारा प्रकरण को सीबीआई के हैंडओवर किया गया है।
इसके दस्तावेजों के हैंडओवर होने के बाद एफआईआर दर्ज कर प्रकरणों की छानबीन की गई। इस दौरान प्रोटेक्शन मनी लेकर सिंडीकेट चलाए जाने के इनपुट मिले। आरक्षक से लेकर आईपीएस, राज्य सेवा के अधिकारी और सेवानिवृत अधिकारी से लेकर आरक्षकों की संलिप्ता मिली। उक्त सभी के भूमिका की जांच करने के बाद छापे की कार्रवाई की गई है।
आईपीएस पल्लव को रोका, माहेश्वरी का घर सील किया सीबीआई ने भिलाई में आईपीएस अभिषेक पल्लव के घर छापेमारी कर तलाशी ली। साथ ही पूछताछ कर बयान लिया। इसके पूरा होते ही वह ड्यूटी पर जाने के लिए निकल रहे थे। लेकिन, तलाशी पूरी होने तक उन्हें रोककर रखा गया। वहीं रायपुर के भावना नगर स्थित राज्य सेवा के अधिकारी अभिषेक माहेश्वरी के घर पर ताला लगे होने पर उसे सील कर दिया गया। साथ ही फोन कर छापेमारी करने की सूचना देकर वापस लौटाने को कहा।
ताला तोड़कर घुसी टीम पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ओएसडी रहे मनीष बंछोर के भिलाई-3 स्थित घर का ताला तोड़कर तलाशी ली गई। बताया जाता है कि छापेमारी के दौरान किसी के नहीं मिलने पर सूचना दी गई। लेकिन, वापिस नहीं आने पर साक्षियों और उनके करीबी लोगों की उपस्थिति में तलाशी ली गई।
करोड़ों के लेनदेन का दावा सीबीआई को महादेव सट्टा को प्रोटेक्शन देने के एवज में हर महीने लाखों रुपए लिए जाने से संबंधित डिजीटल एवं लेनदेन के दस्तावेज मिले है। इसमें शामिल सिंडीकेट में लाभांवित होने वालों के नाम रकम का ब्योरा होने की जानकारी मिली है। हालांकि सीबीआई की ओर से तलाशी के दौरान बरामद किए गए साक्ष्य का खुलासा नहीं किया गया है।
जेल में होगी पूछताछ सीबीआई जल्दी ही महादेव सट्टे के मामले में जेल भेजे गए आरोपियों और संदेह के दायरे में आने वाले लोगों से पूछताछ कर बयान लेगी। इसके आधार पर कुछ लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ करने रिमांड पर लिए जाने के इनपुट मिले है। हालांकि इस समय कुछ अफसरों को घरों पर तलाशी चल रही है।
गृह मंत्री विजय शर्मा सीबीआई की रेड की जानकारी मिली है, लेकिन किस विषय की जांच हो रही है, इसकी जानकारी नहीं है। अनेक विषयों की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया है। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने विभिन्न विषयों पर जांच की मांग की थी और उन्हें ईडी और सीबीआई पर विश्वास है। नतीजे तक पहुंचने के लिए ही जांच की जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा जिस तरह से छत्तीसगढ़ में सेन्ट्रल एजेंसियो का खुलकर दुरुपयोग हो रहा है। वह बेहद ही आपत्तिजनक है कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर में और राष्ट्रीय सचिव देवेन्द्र यादव के घर में सीबीआई रेड कर रही है और कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ताओं के घर में रेड किए गए हैँ।
बघेल के घर के बाहर कांग्रेसियों का हंगामा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई-तीन स्थित निवास में पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जमकर बहस हुई। वे सीबीआई की छापेमारी का विरोध कर रहे थे और बघेल के निवास के अंदर जाने की जिद कर रहे थे। पुलिस ने रोड पर बेरिकेड्स लगाकर रोक दिया था। इस बात पर वे बिफर गए। दुर्ग जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष राकेश ठाकुर और चरोदा निगम के सभापति कृष्णा चंद्राकर कांग्रसियों को समझाने की कोशिश करते रहे। कुछ युवा कार्यकर्ता लगातार बहस करते जा रहे थे पर पुलिस ने उनको आगे ही नहीं बढऩे दिया। आखिर में सब लौट कर बघेल के घर के बाहर बैठ गए।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा ‘सुना है कि मेरे रायपुर के शासकीय आवास में भी सीबीआई पहुंची थी। न ही भिलाई निवास में आए सीबीआई अधिकारियों ने मुझे इसकी सूचना दी। मेरी अनुपस्थिति में मेरे शासकीय आवास में बिना मुझे सूचना दिए प्रवेश करना पूर्णतः अनाधिकृत है। सीएम रहते कांग्रेस सरकार में ही 74 एफआईआर दर्ज हुई। 200 से अधिक गिरफ़्तारी हुई हैं। 2000 से अधिक बैंक खाते सीज किए गए। हमारी सरकार में ही गूगल को पत्र लिखकर प्ले स्टोर से इस ऐप को हटाया। हमने ही कार्रवाई की तो हम पर संरक्षण का आरोप कैसे?