उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना प्रदेश के सभी जिलों में प्रारंभ करने की घोषणा की थी। विभाग द्वारा गत वर्ष 6 जिलों में 16 और इस वर्ष 13 जिलों में 31 भोजन केंद्र प्रारंभ किए हैं। आगामी वर्ष 2025-26 में राज्य के सभी जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा। श्रम विभाग के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रुपए का प्रावधान रखा है।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए विभागीय मंत्री देवांगन ने कहा, राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार ने 1 नवंबर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की है। पहली बार किसी राज्य ने अपनी नीति को विकास का आधार बनाकर रोजगार प्रदान करने पर जोर दिया है। इसके लिए श्रम-प्रधान उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया गया है, जो अधिकतम रोजगार प्रदान करने में सक्षम हैं। विशेषकर, जो इकाइयां 1000 से अधिक रोजगार सृजित करेंगी, उन्हें मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा अनुमोदित अतिरिक्त प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
तीन मंत्रियों के विभागों की अनुदान मांगे भी पारित
विधानसभा में मंगलवार को तीन मंत्रियों के विभिन्न विभागों से जुड़ी अनुदान मांगे भी पारित हुई। इसमें मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के विभागों के लिए 9820 करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान मांगें, राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के विभागों के लिए 3890 करोड़ 67 लाख से अधिक की अनुदान मांगे और मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विभागों के लिए 6710 करोड़ 85 लाख से अधिक की अनुदान मांगें पारित हुई।
4 नवीन औद्योगिक क्षेत्र की होगी स्थापना
मंत्री देवांगन ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 34 औद्योगिक क्षेत्रों व पार्को की स्थापना की जा चुकी है। आने वाले समय में 4 नवीन औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है। राज्य के विभिन्न जिलो में नवीन फूड पार्क, रायपुर जिले में जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क और प्लास्टिक पार्क, नवा रायपुर में फार्मास्युटिकल पार्क एवं जांजगीर-चांपा जिले में स्मार्ट इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पिछली सरकार में बिना ठोस तैयारी के उद्योगों के साथ एमओयू कर दिए जाते थे, जिससे राज्य को अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता था। हमारी सरकार एमओयू. के स्थान पर इनविटेशन टू इन्वेस्ट जारी कर रही है। इनविटेशन टू इन्वेस्ट केवल एमओयू का विकल्प पत्र नहीं है, बल्कि यह विस्तृत चर्चा उपरांत निवेशकों को दिया जाने वाला विश्वास पत्र है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास नीति लागू होने के मात्र 125 दिनों में राज्य को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के कुल 31 प्रस्ताव निवेश के लिए प्राप्त हो चुके हैं।