Patrika Mahila Suraksha: सार्वजनिक जगहों में युवतियां अक्सर होती है छींटाकसी का शिकार
सार्वजनिक जगह जैसे बस, बाजार, ट्रेन सहित अपने कामकाज वाली जगहों में भी महिलाएं असहज महसूस करतीं हैं। इसके अलावा स्कूल-कालेज जाते समय भी युवतियों को छींटाकसी से लेकर कई तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी घटनाओं को इग्नोर करने के अलावा महिलाओं के पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं होता, क्योंकि पुलिस में शिकायत करने के बाद भी ऐसे मनचलों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। बल्कि युवतियों की बदनामी जरूर हो जाती है, फिर शिकायत करने वाली महिला और लड़की असामाजिक तत्वों के टारगेट में आ जाते हैं। नशाखोरी पर लगाम भी जरूरी हो गया
छात्रा अर्पिता शर्मा ने कहा कि शहर के चौक-चौराहों से लेकर गांव-गांव में नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाने की जरूरत है। युवती और महिलाओं के साथ अन्याय व अत्याचार की ज्यातादर घटनाओं के पीछे नशाखोरी ही मुय कारण है। इस ओर भी शासन-प्रशासन और समाज को सोचने की जरूरत है।
सुधार की शुरुआत तो सभी के घर से हो
छात्रा चंचल वर्मा ने कहा कि महिलाओं पर बढ़ते अपराध के लिए समाज भी दोषी है। इसके लिए अपने ही घर से शुरुआत हो। बच्चों (लड़का-लड़की) को नैतिक ज्ञान देने की जरूरत है। युवती और महिलाओं का समान करने यदि हर घर में बताया जाए तो पूरा समाज सुधर जाएगा।
घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा
छात्रा अंजलि वर्मा ने कहा कि जल्द ही महिला सुरक्षा को लेकर शासन की ओर से कड़े कदम उठाते हुए सत नियम नहीं बनाए जाएंगे, तब तक ऐसी घटनाएं बढ़ती रहेंगी। आने वाले समय में युवतियों व महिलाओं का घर से निकलना दुभर हो जाएगा।
परिसर में प्रवेश वर्जित किया जाना चाहिए
छात्रा भारती वर्मा का कहना है कि स्कूल कॉलेज के आसपास पुलिस चौकी होना चाहिए। इसके अलावा स्कूल-कॉलेज परिसर में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक होनी चाहिए। छात्राओं की समस्या पर ध्यान देते हुए तत्काल सुनवाई कर मनचलों के खिलाफ सती दिखानी चाहिए।