टीम ने जांच रिपोर्ट के निष्कर्ष में उल्लेख किया है कि बीएमओ डॉ. गौर ने पद का दुरुपयोग कर, नियमों का पालन न करते हुए मूलभूत सुविधाओं की जगह फर्नीचर, एसी आदि खरीदे हैं। जबकि दवाएं खरीदने की आवश्यकता थी। सही तरीके से कुटेशन बुलाकर खरीदी नहीं की गई। साथ ही डॉक्टरों का वेतन बिना ड्यूटी के, अलग से रजिस्टर बनाकर निकालना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
डॉ. गौर के मामले में टीम से जांच कराई गई थी, जिसमें गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं और आगे की कार्रवाई को लेकर यह प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा जाएगा।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना