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सागर

महिलाओं की दम पर पूरा हो रहा परिवार नियोजन का लक्ष्य

नसबंदी कराने पुरुष नहीं आ रहे आगे, आठ साल में यह आंकड़ा महज 31 है, लगातार जागरूक कर रहा है स्वास्थ्य विभाग

सागरFeb 22, 2025 / 12:00 pm

sachendra tiwari

The goal of family planning is being achieved on the strength of women

फाइल फोटो

बीना. परिवार नियोजन में निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कसरत करता है, लेकिन अभी तक परिवार नियोजन में ज्यादातर महिलाएं ही आगे आई हैं।

विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद नसबंदी के लिए पुरुष आगे नहीं आ रहे हैं। कार्यक्रम की समीक्षा भी नहीं की जाती है और स्थिति यह है कि स्वास्थ्य विभाग की खूब जोर आजमाइश करने के बाद भी वर्ष 2024-25 में नसबंदी कराने, जहां पुरुषों की संख्या दो है, वहीं महिलाओं ने परिवार नियोजन में बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए 675 महिलाओं ने नसबंदी कराई। विभाग के अफसरों की ओर से भले ही पुरुषों को नसबंदी का संदेश दिया जा रहा है, लेकिन उसका असर पुरुषों पर नहीं पड़ रहा है। महिलाओं ने नसबंदी में दिलचस्पी दिखाने के साथ अन्य संसाधनों को अपनाने में भी पुरुषों को पछाड़ा है। महिलाओं ने परिवार नियोजन संबंधी दवाओं का भी सहारा लिया है। अधिकारियों का कहना है कि पुरुष नसबंदी के प्रति कम जागरूक हैं, पुरुषों में कई तरह का भ्रम रहता है, जिसे जागरूक करके दूर किया जाता है।
नसबंदी के आंकड़े
वर्ष महिला पुरुष

2024-25 675 02

2023-24 535 01
2022-23 717 01

2021-22 489 01

2020-21 464 02

2019-20 740 10

2018-19 510 08

2017-18 592 06
(आंकड़े फरवरी 2025 तक)

नसबंदी को लेकर भ्रम

  • नसबंदी के बाद बीमारी होने, कमजोर होने का भ्रम है।
  • पुरुष नसबंदी में कोई चीरा या टांका नहीं लगता।
  • नसबंदी के आधा घंटा बाद व्यक्ति घर जा सकता है।
  • नसबंदी के 48 घंटे बाद व्यक्ति सामान्य हो जाता है।

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