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सतना

मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को शीघ्र जारी होगा नॉन प्रैक्टिस अलाउंस

स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने निर्माण कार्यों सहित अन्य विषयों पर ली समीक्षा बैठक

सतनाMay 01, 2025 / 08:56 am

Ramashankar Sharma

medical
सतना। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मेडिकल कॉलेज सतना के चिकित्सकों की लंबे समय से चली आ रही नॉन प्रेक्टिस अलाउंस की समस्या का समाधान कर दिया है। मेडिकल कॉलेज में आयोजित समीक्षा बैठक में चिकित्सकों की ओर से बताया गया कि उन्हें एक तिहाई सेलरी नहीं मिल रही है। यह हिस्सा नॉन प्रेक्टिस अलाउंस का है, लेकिन शासन स्तर से बजट नहीं होने की बात कही जा रही है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है। बजट तो पर्याप्त है। इसके बाद उन्होंने विभागीय अधिकारियों को फोन लगाकर इस संबंध में चर्चा की। जिसके बाद आश्वस्त किया कि शीघ्र ही यह राशि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को जारी कर दी जाएगी। इस दौरान बैठक में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, सांसद गणेश सिंह, महापौर योगेश ताम्रकार, विधायक मैहर श्रीकांत चतुर्वेदी, कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस सहित अन्य मौजूद रहे। बैठक में आउट सोर्स कर्मचारियों को 4 माह से वेतन नहीं मिलने का मामला भी रखा गया। इस पर भी मंत्री शुक्ला ने विभागीय अधिकारियों से चर्चा की। यह मामला भी शीघ्र निराकृत कर भुगतान होने की जानकारी दी गई। दरअसल यह बताया गया कि मेडिकल कॉलेज सतना मूल रूप से शासकीय कॉलेज है। अन्य कॉलेज स्वशासी कॉलेज है। वहां पर बजट अनुदान के रूप में जारी होता है और इन कॉलेज में बजट हेड होते हैं। नया सिस्टम होने से नान प्रेक्टिस अलाउंस और आउट सोर्स कर्मियों के बजट हेड निर्धारित नहीं होने से राशि नहीं मिल पा रही थी। इस चर्चा के बाद अब समस्या का समाधान हो गया है। अब जल्द ही राशि जारी कर दी जाएगी।
एनेस्थीसिया चिकित्सकों की कमी पर चर्चा

बैठक में जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया चिकित्सकों की कमी का मुद्दा सामने आया। इस पर चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो यहां चिकित्सक भेजेंगे। इस दौरान कहा गया कि सतना जिला अस्पताल में पीजी स्टूडेंट्स के लिए तीन माह की होने वाली डीआरपी (डिस्ट्रिक्ट रेसीडेंसी प्रोग्राम) में एनीस्थीसिया विषय को जिला अस्पताल से जोड़ दिया जाए तो समस्या काफी हल हो जाएगा। क्योंकि इसके बाद एनेस्थीसिया सब्जेक्ट का डीआरपी आवंटन मिलने लगेगा। इसका समर्थन कलेक्टर ने भी किया। जिस पर शुक्ल ने सहमति जताई और व्यवस्था करने कहा।
कलेक्टर देखेंगे समन्वय

सांसद ने जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और जिला अस्पताल के चिकित्सकों के बीच समन्वय का मुद्दा उठाया। इस पर मंत्री शुक्ल ने कहा कि अभी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक जिला अस्पताल को सपोर्ट कर रहे हैं। जब दो साल बाद वे अपने अस्पताल में आ जाएंगे तो जिला अस्पताल के चिकित्सकों को समस्या होगी। लिहाजा उन्हें उस हिसाब से अपग्रेड करना होगा। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को भी समझना होगा कि वे बाहरी न लगे लिहाजा बार बार शिकायतों से बचना होगा। उन्होंने कलेक्टर से इस मामले को देखने कहा।
जब नाराज हुए चिकित्सा मंत्री

जिला अस्पताल में 100 बेड के विस्तार के काम में विलंब का मुद्दा उठाया गया। जिस पर कंसल्टेंट ने पार्किंग का मामला विलंब की वजह बताया। इस पर कलेक्टर ने कहा कि वो मुद्दा तो डेढ़ माह पहले सुलझ गया था। इस पर कन्सल्टेंट ने कहा कि हमें कुछ दिन पहले बताया गया है। यह सुन चिकित्सा मंत्री भड़क गए। कहा, हमें एक-एक दिन का लगा हुआ है और आप लोग इस तरह कर रहे हैं। कोई समन्वय नहीं है। काम कब से शुरू होगा यह बताओ। इस पर पीआईयू के अधिकारी ने कहा कि स्टार्ट हो गया है, खुदाई प्रारंभ है। इस पर चिकित्सा मंत्री ने कहा कि खुदाई कोई काम नहीं होता है। प्रोवीजन के अनुसार काम कब से प्रारंभ होगा। इस पर बताया गया कि 15 मई बाद शुरू हो जाएगा। मंत्री ने कहा कि उस दिन बताना, मैं स्वयं शिलान्यास करने आउंगा।

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