एनेस्थीसिया चिकित्सकों की कमी पर चर्चा बैठक में जिला अस्पताल में एनेस्थीसिया चिकित्सकों की कमी का मुद्दा सामने आया। इस पर चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो यहां चिकित्सक भेजेंगे। इस दौरान कहा गया कि सतना जिला अस्पताल में पीजी स्टूडेंट्स के लिए तीन माह की होने वाली डीआरपी (डिस्ट्रिक्ट रेसीडेंसी प्रोग्राम) में एनीस्थीसिया विषय को जिला अस्पताल से जोड़ दिया जाए तो समस्या काफी हल हो जाएगा। क्योंकि इसके बाद एनेस्थीसिया सब्जेक्ट का डीआरपी आवंटन मिलने लगेगा। इसका समर्थन कलेक्टर ने भी किया। जिस पर शुक्ल ने सहमति जताई और व्यवस्था करने कहा।
कलेक्टर देखेंगे समन्वय सांसद ने जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों और जिला अस्पताल के चिकित्सकों के बीच समन्वय का मुद्दा उठाया। इस पर मंत्री शुक्ल ने कहा कि अभी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक जिला अस्पताल को सपोर्ट कर रहे हैं। जब दो साल बाद वे अपने अस्पताल में आ जाएंगे तो जिला अस्पताल के चिकित्सकों को समस्या होगी। लिहाजा उन्हें उस हिसाब से अपग्रेड करना होगा। मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों को भी समझना होगा कि वे बाहरी न लगे लिहाजा बार बार शिकायतों से बचना होगा। उन्होंने कलेक्टर से इस मामले को देखने कहा।
जब नाराज हुए चिकित्सा मंत्री जिला अस्पताल में 100 बेड के विस्तार के काम में विलंब का मुद्दा उठाया गया। जिस पर कंसल्टेंट ने पार्किंग का मामला विलंब की वजह बताया। इस पर कलेक्टर ने कहा कि वो मुद्दा तो डेढ़ माह पहले सुलझ गया था। इस पर कन्सल्टेंट ने कहा कि हमें कुछ दिन पहले बताया गया है। यह सुन चिकित्सा मंत्री भड़क गए। कहा, हमें एक-एक दिन का लगा हुआ है और आप लोग इस तरह कर रहे हैं। कोई समन्वय नहीं है। काम कब से शुरू होगा यह बताओ। इस पर पीआईयू के अधिकारी ने कहा कि स्टार्ट हो गया है, खुदाई प्रारंभ है। इस पर चिकित्सा मंत्री ने कहा कि खुदाई कोई काम नहीं होता है। प्रोवीजन के अनुसार काम कब से प्रारंभ होगा। इस पर बताया गया कि 15 मई बाद शुरू हो जाएगा। मंत्री ने कहा कि उस दिन बताना, मैं स्वयं शिलान्यास करने आउंगा।