मण्डरायल में चम्बल पेयजल परियोजना का कार्य पूरा नहीं होने के कारण आवश्यकता के अनुसार पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके लिए पूरा गंगापुरसिटी शहर दो दशक से दो दिन में एक बार पानी ले पा रहा है। इसमें कोढ़ में खाज का काम कर रही सीवर लाइन। इसके चलते जलापूर्ति की अधिक जरूरत पड़ती है, लेकिन मात्र तीन एमएलडी पानी ही मिलने के कारण पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पाती है।
मोल मंगाना मजबूरी
सरकारी कार्यालयों में ही मोल पानी मंगवाना भी मजबूरी हो गई है। पहली बात तो सरकारी कार्यालयों में नल कनेक्शन नहीं हैं। जहां हैं वहां पर पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होती है और जलापूर्ति होती भी है तो भरने वाले कार्मिक नहीं पहंचत हैं। इन सबके बाद भी अगर जलापूर्ति होती है तो कभी गंदा पानी आता है तो कभी मटमैला। इसके चलते अधिकारी ही नहीं, कर्मचारी भी मोल पानी मंगवाना ही उचित समझते हैं।
घरों में भी रहे कैम्पर
सरकारी कार्यालयों में ही नहीं, घरों में पानी के कैम्परों की आपूर्ति हो रही है। इस कारण सामने आता है कि कई पाइप लाइन सीवर लाइन से कनेक्ट हो जाती है। इससे आए दिन गंदा पानी आता है। जिसे सही करने में ही कई दिन लग जाते हैं। इसका ही उदाहरण गत दिनों वैद्य कॉलोनी में देखने को मिला। जहां कई दिनों तक सीवर का गंदा पानी आता रहा। बाद में उपभोक्ता ने अपने स्तर पर ही सही कराया। इसी प्रकार रेलवे स्टेशन मार्ग पर पॉश कॉलोनी में आए दिन गंदा पानी आता है। स्थानीय निवासी राजेन्द्र सैन ने कई बार शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।