सिलिसिक अम्ल का छिडक़ाव: गेहूं की फसल में तापमान वृद्धि के प्रभाव से बचने के लिए बीज भराव और बीज निर्माण की अवस्था में सिलिसिक अम्ल (15 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी) या (10) ग्राम प्रति 100 लीटर पानी या 25 ग्राम 100 लीटर पानी का पर्णीय छिडक़ाव करें। पहला छिडक़ाव झंडा पत्ती अवस्था और दूसरा छिडक़ाव दूधिया अवस्था पर करें। सिलिसिक अम्ल गेहूं को प्रतिकूल परिस्थितियों से लडऩे की शक्ति प्रदान करता है और समय से पहले पकने से रोकता है।
एस्कार्बिक अम्ल का छिडक़ाव: गेहूं की बाली आते समय एस्कार्बिक अम्ल के 10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी के घोल का छिडक़ाव करने से फसल पकते समय सामान्य से अधिक तापमान होने पर भी उपज में नुकसान नहीं होगा।
पोटेशियम नाइट्रेट का छिडक़ाव: गेहूं की फसल में बूटलीफ एवं एंथेसिस अवस्था पर पोटेशियम नाइट्रेट (13.0.45) के दो प्रतिशत घोल का छिडक़ाव करें। पछेती बोई फसल: गेहूं की पछेती बोई फसल में पोटेशियम नाइट्रेट 13.0.45, चिलेटेड जिंक और चिलेटेड मैंगनीज का स्प्रे भी लाभप्रद है।
एक्सपर्ट व्यू
- गेहूं में सिलिसिक अम्ल का छिडक़ाव करने से तापमान में होने वाली वृद्धि से नुकसान की आशंका कम हो जाएगी और उत्पादन में वृद्धि होगी।
- -जगजीत सिंह, कृषि अनुसंधान अधिकारी ,श्रीगंगानगर।
- किसानों को सलाह दी है कि वे सिफारिश के अनुसार तत्वों का छिडक़ाव करें, जिससे फसल की इस अवस्था पर नुकसान नहीं होगा।
- -डॉ.सतीष कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), श्रीगंगानगर।