इस ट्रेन के फिर से शुरू नहीं होने से आठ प्रदेशों के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। श्रीगंगानगर में रहने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को भी त्योहार व अन्य मौकों पर अपने घर पहुंचने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। रेलवे बोर्ड में दायर आरटीआई के जवाब में भी इस ट्रेन को स्थगित करना बताया गया। आशंका है कि यह ट्रेन अब इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गई है।
सांसद ने भी की थी मांग
जेडआरयूसीसी के पूर्व सदस्य भीम शर्मा ने बताया कि उद्यान आभा को रेलवे ने स्थगित किया था,ना कि बंद। इसको लेकर पूर्व सांसद निहालचंद ने भी रेल मंत्री व रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर इस गाड़ी को दुबारा संचालन करने की मांग की थी। इसके बाद वर्तमान सांसद कुलदीप इंदौरा ने भी इस गाड़ी को फिर से शुरू करने के लिए रेल मंत्री को पत्र लिखा था,लेकिन विपक्ष का सांसद होने की वजह से उन्हें जवाब तक देना उचित नहीं समझा गया।
आठ राज्यों से होकर गुजरती थी ट्रेन
यह गाड़ी हावड़ा से चलकर श्रीगंगानगर तक आठ राज्यों से होकर गुजरती थी। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली,हरियाणा व पंजाब होते हुए श्रीगंगानगर पहुंचती थी।
110 रेलवे स्टेशनों पर था ठहराव
उद्यान आभा 110 स्टेशनों पर ठहराव होता था। यह गाड़ी हावड़ा जंक्शन जंक्शन से रवाना होने के बाद वर्धमान, आसनसोल, मोकामा, बरह, पटना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, प्रयागराज, कानपुर सेंट्रल, टूंडला, आगरा कैंट, मथुरा जंक्शन, नई दिल्ली, रोहतक, बठिंडा जंक्शन और अबोहर स्टेशन होते हुए श्रीगंगानगर पहुंचती थी। उद्यान आभा से जुड़े कुछ तथ्य
- -प्रयागराज से श्रीगंगानगर के लिए यह गाड़ी सुबह 5.10 बजे चलती थी। वापसी में रात 10.10 बजे का समय होता था।
- -ट्रेन बंद होने से पहले इसकी अधिकतम रफ्तार 110 किमी प्रति घंटा और औसत रफ्तार 44 किमी प्रति घंटा थी।
- -श्रीगंगानगर से यह ट्रेन 110 स्टेशनों पर ठहराव करते हुए 45.25 घंटे में सफर पूरा करती थी।
- -ब्रिटिश हुकूमत के समय 1930 में शुरू हुई थी यह ऐतिहासिक ट्रेन
इसका निर्णय रेलवे बोर्ड स्तर पर होना है
- उद्यान अभान आभा तूफान एक्सप्रेस गाड़ी अब चलेगी या नहीं ? इसका निर्णय मंडल स्तर पर नहीं होकर रेलवे बोर्ड स्तर पर ही होना है। यहां से इसको लेकर कोई सूचना नहीं है।
- -डॉ.आशीष कुमार,मंडल रेल प्रबंधक,उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल,बीकानेर।