स्थानीय लोगों की माने तो यहां लगे कचरे के ढेरों पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है, कई मवेशी पॉलीथिनों का सेवन करते दिखाई दे रहे है। उनकी जान पर खतरा बना रहता है। स्थानीय लोगों ने एकत्र कचरे को प्रंस्करण केंद्र में रखने की की मांग की है। जिससे लोहा, कांच, प्लास्टिक, गीला और सूखा कचरे को अलग-अलग जगहों पर रखा जा सके।
कचरा प्रसंस्करण केंद्र को बनाया गया है। उसके फर टीन शेड और होदियों का निर्माण किया गया है। उसमें कचरा प्रसंस्करण केंद्र बनाया गया है। लेकिन वहां पर कचरा नहीं है। दूसरे स्थान पहाड़ी के पास ढेर लगाए जा रहे है। बारिश के कारण कचरा और अधिक दुर्गंध, वहीं मच्छर व मक्खियां भी घूमती रहती है। जिससे संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है।
इनका कहना
नगर का कचरा एकत्र किया जा रहा है। उसको प्रसंस्करण केंद्र पर पहुंचाया जा रहा है। यदि उस स्थान पर कचरा नहीं पहुंच रहा है तो कचरा केंद्र पर पहुंचाया जाएगा। जिससे मवेशियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा बनी रहे।
जानकी- राजकुमार विश्वकर्मा, अध्यक्ष नगरपरिषद कारी।