अधिकांश को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी। इधर, फूड पॉइजनिंग की सूचना मिलते ही अस्पताल में समाजजनों की भीड़ लग गई। फूड पॉइजनिंग के कारणों का पता नहीं चला यह अभी जांच का विषय है। कुछ समाजजन खाने में कुछ गिरना तो कुछ कच्ची खाद्य सामग्री में गड़बड़ी बता रहे हैं। बताया कि रविवार को समाज का 33वां
सामूहिक विवाह था, जिसमें 9 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। विवाह में करीब 7 हजार लोगों के भोज का आयोजन किया। जिसमें मटर पनीर, खिचड़ी, पूड़ी, दाल के अलावा मिठाई में गुलाब जामुन व कलाकंद बनाए गए।
सभी की हालत ठीक
खाना सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चला। खाने के बाद रात करीब 8 बजे समाज की महिलाएं व बच्चे अस्वस्थ्य हो गए। एक-एक करके सभी अस्पताल पहुंचे। देखते ही देखते उनकी संख्या 50 पार हो गई। सूचना पर समाजजन भी पहुंच गए, उन्होंने सभी का उपचार करवाया। चिकित्सकों का कहना है कि सभी की हालत ठीक है, उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी।
दोपहर 1 से 3 बजे के बीच खाने वाले सबसे ज्यादा हुए बीमार
अस्पताल पहुंचे महिला व बच्चों से जब पूछा तो अधिकांश ने दोपहर एक से तीन बजे के बीच भोजन करना बताया। समाजजनों का कहना है कि 11 से 1 बजे व 3 से 5 बजे के बीच के कोई बीमार नहीं हुआ। दोपहर के समय भोज करने वाले लोगों के भोजन में या तो कुछ गिर गया या फिर भी उस समय बनी हुई चीज में किसी तरह की गड़बड़ी थी।
अस्पताल में लगा तांता
एमबी चिकित्सालय में देर रात फूड पॉइजनिंग के केस आने के बाद समाजजन व परिवारजनों की भीड़ लग गई। हर कोई अपनों को पहले देखने की होड़ में चिल्लाते रहे। मरीजों की संख्या के मुकाबले चिकित्सकों की संख्या कम होने पर कई लोग मौके पर झल्लाए। चिकित्सकों व स्टाफ ने उन्हें शांत कर सभी का उपचार किया।