अखाड़े करेंगे निरीक्षण
उज्जैन में 13 अखाड़ों के साधु-संत उन स्थानों का निरीक्षण करेंगे जहां शिप्रा नदी नालों की वजह से प्रदूषित हो रही है। संतों के लिए यह बड़ा चिंता का विषय है। शुक्रवार को महंत भगवान दास, महंत रामेश्वर गिरी, महंत विशाल दास, महंत राघवेंद्र दास, महंत दिग्विजय दास, महंत विद्या भारती और अन्य महामंडलेश्वर इस निरीक्षण में शामिल होंगे। भ्रमण की शुरुआत कवेलू कारखाने इलाके से होगी, जहां टाटा कंपनी द्वारा नाले बंद करने की स्थिति का भी जायजा लिया जाएगा।रिपोर्टः गंगा-यमुना का पानी पीने लायक नहीं
दरअसल, कुछ दिन पहले केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की एक रिपोर्ट के माध्यम से एनजीटी को सूचित किया गया कि प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 के दौरान विभिन्न स्थानों पर गंगा और यमुना नदी के जल का स्तर स्नान और पीने के लायक नहीं है। बोर्ड के अनुसार, नदी के पानी की गुणवत्ता विभिन्न अवसरों पर सभी निगरानी स्थानों पर अपशिष्ट जल ‘फेकल कोलीफॉर्म’ के संबंध में स्नान के लिए प्राथमिक जल गुणवत्ता के अनुरूप नहीं थी। हालांकि, इस रिपोर्ट को यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिरे से नकार दिया था।