scriptचुनाव लोकतांत्रिक प्रणाली को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है | Patrika News
उमरिया

चुनाव लोकतांत्रिक प्रणाली को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर हुई संगोष्ठी

उमरियाApr 23, 2025 / 04:30 pm

Ayazuddin Siddiqui

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर हुई संगोष्ठी

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर हुई संगोष्ठी

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय आरव्हीपीएस महाविद्यालय उमरिया में एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मंगला चरण में मुख्य वक्ता मिथिलेश पयासी, सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. एमएन स्वामी, विनय मिश्रा अधिवक्ता एवं महाविद्यालय की प्राचार्य इतिहासवेता डॉ. विमला मरावी का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मिथिलेश पयासी ने कहा कि चुनाव लोकतांत्रिक प्रणाली को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है।

स्वतंत्रता के बाद से भारत में चुनावी प्रक्रिया में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। एक राष्ट्र एक चुनाव का तात्पर्य भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशाों के विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएं। सभी चुनाव हर पाचं वर्ष में केवल एक बार होंगे, जिससे भारत को मध्यातवति चुनाव और निरंतर चुनाव से मुक्त किया जा सके, इस विचार का समर्थन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन के विभिन्न राजनैतिक दल कर रहे हैं। उन्होने छात्रों को यह भी बताया कि बार-बार मध्यावति चुनाव होने से भारी धन खर्च होता है एवं अनावश्यक समय की बर्बादी भी होती है। महाविद्यालय के सेवा निवृत्त प्राध्यापक डॉ. महेशानंद स्वामी ने कहा कि भारत में एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार बिल्कुल नया नहीं है। स्वतंत्रता के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में सभी राज्यों के विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ हुए थे। देश की शासन प्रणाली, प्रशासनिक एवं अन्य 6 संस्थाओं को एक राष्ट्र एक चुनाव का अनुभव पूर्व से ही है।

महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ. विमला मरावी ने बताया कि एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार भारत की सम्पूर्ण राजनैतिक संरचना पर गहरा प्रभाव डालने वाला विचार है। यह सभी वर्गों को प्रभावित करते हुए एक नई राजनैतिक दृष्टिकोण को विकसित करने में सहायक होगा। संगोष्ठी का संयोजन समाजसेवी नितिन बसानी ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन महाविद्यालय के अर्थशास्त्रीं राजेन्द्र प्रसाद पटेल ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक अर्थशास्त्रीं डॉ. अरविंद शाह बरकड़े, भौतिकशास्त्री डॉ. देवेश कुमार अहिरवार एवं अधिवक्ता विनय मिश्रा के अलावा महाविद्यालय स्टॉंफ तथा छात्र-छात्राओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

Hindi News / Umaria / चुनाव लोकतांत्रिक प्रणाली को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है

ट्रेंडिंग वीडियो