धरती पर ठहरने के लिए नहीं मिलेगा कोई आधार
विज्ञान के तथ्यों और खबरों को कवर करने वाली हाउस्टफवर्क्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर कल्पना की जाए कि धरती (Earth) पर कुछ देर के लिए सही, गुरुत्वाकर्षण बल खो जाए तो क्या होगा? क्योंकि किसी भी वस्तु को रखने के लिए यहां तक कि प्राणियों के चलने के लिए भी एक आधार की जरूरत होती है, जो गुरुत्वाकर्षण बल के खत्म होने से नहीं मिल सकेगा। क्योंकि उसके ठहरने के लिए कोई बल ही नहीं होगा। ऐसे में कुछ भी जगह पर नहीं होगा, वो तैरने लगेगा। दूसरी तरफ इससे भी अहम हैं धरती पर मौजूद महासागर, नदियां और वायुमंडल जिन्हें आधार की जरूरत होती है।
अंतरिक्ष में उछल जाएंगे महासागर
आधार ना मिलने की वजह से ये सब तुरंत अंतरिक्ष में उछल जाएगा। महासागर अंतरिक्ष में बिखर जाएंगे। पेड़-पौधे सब नष्ट हो जाएंगे। गुरुत्वाकर्षण के बिना धरती को कोई पकड़ नहीं पाएगा। इसकी भी संभावना है कि धरती का आंतरिक कोर तेज दबाव की वजह से एक भीषण विस्फोट से फट जाएगा और ये चूर-चूर होकर अंतरिक्ष में बिखर जाए। इतना ही नहीं गुरुत्वाकर्षण शून्य होने की स्थिति में धरती बहुत तेज रफ्तार के साथ सूर्य से टकरा भी सकती है।
कभी नहीं बदल सकता धरती पर गुरुत्वाकर्षण
गुरुत्वाकर्षण (Gravitational Force on Earth) के बारे में दो बातें सबसे अहम हैं। एक ये कि ये बल हमेशा मौजूद रहता है, और दूसरा ये कि ये बल कभी नहीं बदलता। लेकिन अगर धरती का गुरुत्वाकर्षण कभी बदलता है तो इसका लगभग हर चीज पर एक बड़ा प्रभाव पड़ेगा। गुरुत्वाकर्षण के खत्म होने के अंजाम से पहले ये जान लेते हैं कि आखिर गुरुत्वाकर्षण है क्या? दऱअसल गुरुत्वाकर्षण, दो वस्तुओं (परमाणुओं) के बीच का आकर्षण बल है। लेकिन ये तब होता है जब बड़ी संख्या में परमाणुओं को लाय़ा जाए। हर वस्तु का गुरुत्व उसके द्रव्यमान यानी भार पर निर्भर करता है। इसी तरह धरती का गुरुत्वाकर्षण कभी नहीं बदल सकता है क्योंकि धरती का द्रव्यमान कभी नहीं बदलता। अगर गुरुत्वाकर्षण को बदलना है तो धरती का भार बदलना होगा जो इतना जल्दी संभव नहीं है।