सूत्रों के अनुसार पूर्ववर्ती सरकार ने पिछड़े क्षेत्र रैणी को विकसित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के लिए सत्र 2021 22 के बजट में घोषणा की थी। बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के लिए रैणी प्रशासन की ओर से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाई वे के लगते गांव धोराला में 27.68 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर प्रस्ताव जिला प्रशासन को भिजवा दिया गया था, लेकिन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए चार वर्ष निकल जाने के बाद भी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से स्वीकृति नहीं मिली है, जिससे रैणी क्षेत्र के लोगों का भरोसा बजट घोषणाओं से उठने लगा है।
रोजगार के लिए कर रहे पलायन रैणी क्षेत्र में दिनोंदिन जलस्तर नीचे जा रहा है। खेती के अलावा लोग मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार को पालने के लिए बाहर बड़े शहरों की शरण लेते हैं। यदि रैणी के धोराला गांव में औद्योगिक क्षेत्र विकसित होता है तो मजदूरी के लिए जाने वाले लोगों का पलायन रुकेगा व उद्योग के लिए आने वाले व्यापारियों को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे का पूरा फायदा मिलेगा।
109 बीघा जमीन पर रीका का इंतजार रैणी के धोराला में आवंटित हुई 109 बीघा जमीन पर रीको की स्थापना का इंतजार क्षेत्रवासी चार वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन किसी भी नेता का व प्रशासन का कोई ध्यान इस ओर नहीं है। अब अलवर सांसद व केंदीय मंत्री भूपेंद्र यादव से ग्रामीणों की आस जगी है।
व्यावसायिक भूखंड भी उचित दर पर आवंटित हुई जगह हरियाणा के सोहना से 120 किलोमीटर, अलवर से 40 किलोमीटर, जयपुर से 90, दौसा से 50 किलोमीटर है, जिससे बड़े शहरों के उद्यमियों को उचित दर पर व्यावसायिक भूखंड मिलने से इस जगह का पूरा लाभ मिल सकता है। कल-कारखाने स्थापित होंगे तो क्षेत्र का विकास होगा।
प्रस्ताव स्वीकृति का इंतजार रीको के लिए जमीन आवंटन का प्रस्ताव भेज दिया है। जिला स्तर से स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कैलाश मेहरा, तहसीलदार, रैणी।