बताया जा रहा है कि इस ग्रुप में कॉलेज के कई छात्र-छात्राएं जुड़े हुए हैं। खास बात यह है कि इस ग्रुप में शामिल होने के लिए कई बच्चों से 500 रुपए तक लिए गए हैं। इन ग्रुपों पर जूलॉजी सेमेस्टर-1, मैथ्स सेमेस्टर-1, भूगोल, सेमेस्टर-3 और हिंदी पेपर भी परीक्षा से पहले आने की सूचना है। ग्रुप में डेहलाबास-किशनगढ़-बानसूर के विद्यार्थी जुड़े हुए हैं। उधर, कॉलेज के बच्चों को परीक्षा से एक घंटे पूर्व बुलाने की बात भी सामने आई है।
कटघरे में पारदर्शिता
मत्स्य विश्वविद्यालय की परीक्षा पारदर्शिता से कराने का दावा किया जाता है, लेकिन जिस तरह से पेपर लगातार लीक हो रहे हैं, उससे सवाल उठने लगे हैं। सोशल मीडिया पर परीक्षा से पहले ही पेपर का आना गंभीर है। इस पर विवि प्रशासन को ध्यान देना चाहिए। यही नहीं जिन ग्रुप्स पर पेपर आया, उनमें जुड़ने के लिए भी पैसे लिए जा रहे हैं। जबकि सरकार लगातार पेपर लीक को लेकर कार्रवाई की बात कह रही है। ऐसे जालसाजों के चलते पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को निराशा हाथ लगती है। मत्स्य विश्वविद्यालय के अंतर्गत परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की संख्या 50 हजार है।
इस मामले की जांच करवाई जाएगी। इसमें दोषियों के खिलाफ एफआईआर होगी। मामले को देखा जा रहा है।
- लोकेश मीणा, रजिस्ट्रार, मत्स्य विश्वविद्यालय अलवर
गत वर्ष परीक्षाओं में ये मिली गलतियां
मत्स्य विश्वविद्यालय की ओर से गत सत्र की परीक्षाओं में भी गड़बडी मिली थी, लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों ने गलती करने वालों पर कठोर कार्रवाई नहीं की। इसमें 3 पेपर विश्वविद्यालय को दोबारा करवाने पड़े। बीते वर्ष भूगोल विषय के पेपर में गलत प्रश्न पत्रों के वितरण, कम्प्यूटर परीक्षा में हिन्दी माध्यम के परीक्षार्थियों को अंग्रेजी माध्यम का पेपर बांट दिया और 100 सवालों की जगह पर 120 सवालों की ओएमआर सीट का वितरण किया गया था।