11 फरवरी को बुध ग्रह का कुंभ राशि में प्रवेश दोपहर 1 बजे होगा, वहीं सूर्य ग्रह का मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश होगा। 17 फरवरी की मध्यरात्रि एवं शनि ग्रह 23 फरवरी को सुबह 10.15 बजे अस्त होंगे। 25 फरवरी को बुध का उदय पश्चिम दिशा में होगा।
वहीं 27 को बुध कुंभ राशि को छोड़ मीन में रात्रि काल में प्रवेश करेंगे। इस प्रकार से ग्रहों का राशि परिवर्तन व उदय-अस्त का अनुक्रम संसार तथा समाज में अलग-अलग प्रकार की स्थितियों को निर्मित करेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया बुध व्यापार-व्यवसाय का कारक ग्रह है। इसके परिवर्तन से व्यापार में गति बढ़ेगी। पश्चिमोत्तर दिशा से व्यवसाय का लाभ मिलेगा। सूर्य के राशि परिवर्तन करने से शासकीय कार्य की गति बढ़ेगी एवं शनि के अस्त होने से संवैधानिक मामलों में कुछ परिवर्तन स्थिर रहेंगे और उन पर संशोधन के लिए संसद में बहस होगी।
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मौसम में परिवर्तन (Grah Gochar Effect On Weather)
भारतीय ज्योतिष शास्त्रीय के अनुसार मौसम से संबंधित ग्रह बुध विशेष रूप से जलवायु का परिवर्तन करेगा। कहीं ठंडी हवा का और कहीं बर्फबारी का व कहीं पानी गिरने की स्थिति का प्रभाव दिखा रहा है।
हालांकि ग्रहों के राशि परिवर्तन संपूर्ण संसार में दिखाई देते हैं, इस दृष्टि से पश्चिमोत्तर दिशा से जुड़े राष्ट्र का मौसम व जलवायु पर अलग प्रकार का प्रभाव दिखाई देगा। वहीं, शनि अस्त होने से दशकों पुराने रिकॉर्ड भी मौसम के मामले में अमेरिका से संबंधित जंगलों का एवं मध्य अफ्रीका देश में बाढ़ से जुड़े घटनाओं का अनुक्रम के रूप में देखने को मिलेगा। कुल मिलाकर जलवायु पर अलग-अलग प्रभाव दिखाई देंगे। यह संपूर्ण संसार में ही दृश्यमान होगा।
सामाजिक मूल्यों का भी एक नया पक्ष देखने को मिलेगा
भारतीय टेक्नोलॉजी के दृष्टिकोण से देखें, तो बुध का शनि की राशि में परिवर्तन तकनीकी संसाधनों पर जनमानस का जोर ज्यादा रहेगा। नए सेगमेंट की ओर लोग आकर्षित होंगे व कार्य पद्धति को कन्वर्ट करने की कोशिश करेंगे। ऐसी स्थिति में लोग तकनीकी रूप से तो प्रबल होंगे ही, साथ ही कार्यशैली में अलग-अलग प्रकार के परिवर्तन होने से व्यावहारिक मूल्य का भी परिवर्तन दिखाई देगा। एक प्रकार की आंशिक स्थिति ठीक है, किंतु सामाजिक दृष्टिकोण से लोगों को अपने व्यवहार पर विशेष रूप से फोकस करने की आवश्यकता अनुभव होगी।
प्रदेश में व्यापार की गति बढ़ेगी (Shani Ast Effect On Business)
मध्यप्रदेश में बाहरी देशों का अच्छा प्रतिसाद मिल सकता है, क्योंकि बुध की स्थिति आने वाले एक महीने में सपोर्टिंग मोड पर रहेगी। मध्यप्रदेश और उज्जैन से जुड़े विकास कार्यों में एक नया बदलाव और चरण देखने को मिलेगा। यहां से व्यावसायिक गति का पुन: परिवर्तन होने की स्थिति निर्मित होगी। वहीं बड़े व्यापार-व्यवसाय की गति बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश शासन को सहयोग की स्थिति प्राप्त होगी। ऐसे में विशिष्ट प्रबंधन और योजनाओं की आवश्यकता मध्यप्रदेश शासन को रहेगी, अर्थात सही प्रेजेंटेशन मध्यप्रदेश को अच्छी स्थिति में ला सकता है, इसके लिए प्रयास करने की आवश्यकता है।