क्या है नमक चमक महारुद्राभिषेक और इसका महत्व? | What is Namak-Chamak Maharudrabhishek
नमक चमक महारुद्राभिषेक एक अत्यंत प्रभावशाली और फलदायी अनुष्ठान है, जिसमें अन्य अभिषेकों की तुलना में सभी पूजन सामग्रियों की मात्रा पांच गुना अधिक रखी जाती है। इस कारण से, यह अभिषेक अन्य सभी से अधिक शक्तिशाली माना जाता है और इसका प्रभाव सर्वोच्च फलदायी होता है।रुद्राष्टाध्यायी का महत्व
रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय होते हैं, लेकिन इनमें से पहले आठ अध्यायों को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। इसका कारण यह है कि इन्हीं आठ अध्यायों में भगवान शिव की महिमा और उनकी कृपा शक्ति का विस्तृत वर्णन किया गया है।नमक और चमक का महत्व: Importance of Namak-Chamak Rudrabhishek
नमक (पंचम अध्याय): भगवान शिव की शक्ति और कृपा का प्रमुख स्रोत है। चमक (अष्टम अध्याय): शिव के तेज, प्रभाव और दिव्यता को प्रकट करता है।Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि पर चार प्रहर पूजा विधि
शास्त्रों में नमक चमक का उल्लेख
वायु पुराण के अनुसार जो व्यक्ति रुद्राष्टाध्यायी के नमक (पंचम अध्याय) और चमक (अष्टम अध्याय) के साथ पुरुष सूक्त का प्रतिदिन तीन बार पाठ करता है, उसे ब्रह्म लोक में प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।नित्यं त्रयं प्रयुञ्जानो ब्रह्मलोके महीयते।।” अर्थात, जो भक्त नमक, चमक और पुरुष सूक्त का नित्य पाठ करता है, वह ब्रह्मलोक में सम्मान प्राप्त करता है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) हिंदू धर्म में सबसे प्रमुख व्रतों में से एक मानी जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की पावन स्मृति में शिवभक्त उपवास रखते हैं और रात्रि जागरण कर भगवान भोलेनाथ की आराधना करते हैं।